नई दिल्ली। कर्नाटक में 06 जून को बसपा विधायक एन महेश ने मंत्री पद की शपथ लेकर रिकॉर्ड कायम किया है जिसको इतिहास हमेशा याद रखेगा. कर्नाटक में मंत्री पद का शपथ ग्रहण करने के साथ ही एन महेश बसपा के पहले ऐसे मंत्री बने जो कि उत्तर प्रदेश से बाहर राज्य में मंत्री बनाए गए. राज्यपाल वाजुभाई वाला ने जेडीएस, कांग्रेस व बसपा सहित कुल 25 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिसमें जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार में कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 9 मंत्री भी शामिल हैं.
कर्नाटक में अभी शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों के मंत्रालय की घोषणा अधिकारिक रूप से सामने नहीं आई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि बसपा की ओर से एन महेश के लिए माइनर इरिगेशन डिपार्टमेंट की मांग की जा रही है. बसपा को भरोसा है कि कांग्रेस-जेडीएस की ओर से लघु सिंचाई विभाग की मांग पूरी की जाएगी.
मोदी को भी दिया मात…
आपको बताते चलें कि जीतने के बाद एन महेश को भाजपा की ओर से भी लालच मिले थे लेकिन एन महेश ने साफ तौर पर मना कर दिया था और कहा था कि इस संबंध में बहन मायावती से सीधे संपर्क कर लें. इसके बाद भाजपा की किरकिरी हो गई थी. इतना ही नहीं एन महेश को हराने के लिए यहां पर 1 मई को पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार करने आए थे, लेकिन महेश की मेहनत के आगे मोदी का प्रचार भी काम नहीं आया और एन महेश सभी स्थितियों में खरे उतरे.
बसपा के प्रत्याशी एन महेश ने चामराजनगर जिले के कोल्लेगल विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर दक्षिण में बसपा का परचम बुलंद किया. बसपा उम्मीदवार ने कांग्रेस उम्मीदवार एआर कृष्णमूर्ति को 19,454 मतों के अंतर से पराजित किया. इस सीट पर बसपा को कुल 71,792 वोट मिले. भाजपा इस सीट पर तीसरे नंबर की पार्टी रही. महेश कर्नाटक में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. महेश ने कर्नाटक में जीतकर दक्षिण में बसपा को बड़ी संजीवनी दे दी. त्रिशंकु विधान सभा वाली सरकार बनाने में बसपा सुप्रीमो मायावती का सबसे अहम रोल रहा. इनको कर्नाटक का किंग मेकर भी कहा जा रहा है. जो कि 2019 में महागठबंधन की ओर से पीएम पद की उम्मीदवार हो सकतीं हैं.
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