जेल में ही बीतेगा रामपाल का पूरा जीवन

हिसार। स्वयंभू बाबा रामपाल को हत्या के एक और मामले में हिसार की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इससे पहले 16 अक्टूबर को भी रामपाल को 14 अनुयायियों के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. रामपाल को ये सजा एफआईआर नंबर 430 में सुनाई गई है. FIR 30 में रामपाल और उसके 13 समर्थकों पर नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान आश्रम के भीतर एक महिला की हत्या का आरोप था.

एफआईआर 429 में रामपाल को 16 अक्टूबर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. एफआईआर नंबर 429 के मुताबिक नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान उस पर और उसके 15 समर्थकों पर चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या करने का आरोप था.

ससे पहले 11 अक्टूबर को कोर्ट ने रामपाल को दोनों मामलों में दोषी ठहराया था. रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है. इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था. रामपाल पर फैसले को लेकर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. 17 अक्टूबर तक इलाके में धारा 144 लागू रहेगी और सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.

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