कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के आगे सब फेल हैं. पंचायत चुनाव में अबतक के परिणामों से बीजेपी के साथ अन्य दलों का सुपड़ा साफ है. एक तरफ देश भर में मोदी लहर की बात कही जा रही है तो वहीं पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव से पता चलता है कि मोदी लहर गांव तक पहुंच नहीं पाई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती गुरूवार सुबह 8 बजे आरंभ हो गई. अब तक के नतीजों में टीएमसी काफी आगे चल रही है. इतनी आगे की दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा है. जिला परिषद व पंचायत समिति की सीटों पर केवल टीएमसी ही बनी हुई है तो वहीं ग्राम पंचायत में बाकि दलों को छिटपुट सीट मिलते दिखे.
अबतक के आंकड़ें
मीडिया में जारी रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का प्रदर्शन सबसे बेहतर दिख रहा है. सूत्रों के अनुसार टीएमसी ने जिला परिषद की 280 व पंचायत समिति की 149 सीटों पर अकेले कब्जा जमाए रखा है यहां पर बीजेपी व बाकि दलों के हिस्से में कुछ नहीं मिला. इसके अलावा ग्राम पंचायत में टीएमसी को 1575, बीजेपी 136, एलएफ 10, कांग्रेस 08 व अन्य को 28 सीट मिली है. ध्यान दें कि फाइनल रिपोर्ट में बदलाव हो सकती है.
चुनाव में 13 की मौत
हालांकि मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने के बाद भी व्यापक तौर पर हिंसा की घटना घटी जिसमें कि राज्य के कई इलाकों में हिंसक घटनाएं 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. हिंसा के बाद राज्य के 20 जिलों में से 19 जिलों के 568 बूथों पर बुधवार को दोबारा मतदान कराया गया.
केंद्र ने मांगी पूरी रिपोर्ट
पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी. हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार ने रिपोर्ट सौंपी लेकिन गृह मंत्रालय ने उसे अधूरा बताते हुए पूरी रिपोर्ट मांगी है. इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
इन जगहों पर पुनर्मतदान
आयोग की जानकारी के अनुसार लगभग 70 फीसद मतदान दर्ज किया गया. इसके अलावा हिंसा व धांधली के कारण हुगली में 10, पश्चिम मिदनापुर में 28, कूचबिहार में 52, मुर्शिदाबाद में 63, नदिया में 60, उत्तरी 24 परगना में 59, मालदा में 55, उत्तर दिनाजपुर में 73 और दक्षिण 24 परगना में 26 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराया गया था.
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