नई दिल्ली। लोकसभा में तकरीबन पांच घंटे तक चली लंबी बहस के बाद आखिरकार गुरुवार को ऐतिहासिक मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 पास हो गया. इसके बाद किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक, वह चाहें मौखिक हो या लिखित हो और या फिर मैसेज के जरिए हो, अवैध होगा. आईए जानते हैं कि तीन तलाक देने वालों के साथ अब क्या सलूक होगा और प्रस्तावित बिल कैसा है?
ऐसा है प्रस्तावित बिल
– एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होगा.
– ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा.
– यह कानून सिर्फ ‘तलाक ए बिद्दत’ यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा.
– तलाक की पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी.
– पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.
– यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है.