में ईद का जश्न मन रहा है तो एक जगह ऐसी भी है जहां मातम पसरा हुआ है. ट्रेन में नफरती हिंसा का शिकार हुए जुनैद के घर और हरियाणा के उस गांव में ईद के दिन खुशी नहीं है. परिवार और उसके गांव के लोग मिलकर मौत का इंसाफ मांग रहे हैं. ईदगाह पहुंचे सभी गांव वालों ने बाजुओं पर काली पट्टी बांध कर नमाज अता की और जुनैद की हत्या का विरोध किया.
जुनैद हाफिज़ गुरुवार की रात लोकल ट्रेन से दिल्ली से बल्लभगढ़ जा रहे थे. उनकी उम्र 16 साल थी. ट्रेन में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला. जुनैद, उनके भाई हाशिम और शाकिर और पड़ोसी दोस्त मोहसिन दिल्ली के सदर बाज़ार से ईद की खरीदारी कर घर लौट रहे थे. जब वो ट्रेन में चढ़े तो ट्रेन पूरी तरह खाली थी, तो उन्हें बैठने के लिए सीट भी मिल गई. आगे चलकर ओखला में 20-25 लोग ट्रेन में चढ़े थे. चढ़ने में धक्का मुक्की हुई. उसी में जुनैद को धक्का लगा तो वो नीचे गिर गए. इस पर जुनैद ने कहा कि धक्के क्यों मार रहे हो. उन्होंने उनके सर पर टोपी देख कर कहा कि तुम मुसलमान हो, देशद्रोही हो, तुम पाकिस्तानी हो, मांस-मीट खाते हो. उन लोगो ने सर से टोपी हटा दी और उनकी दाढ़ी पकड़ने की कोशिश की. जब उन्होंने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने मार-पीट शुरू कर दी.
अगला स्टेशन तुगलकाबाद आने तक वो उन्हें मारते रहे. वहां से उन लोगों ने अपने भाई को फ़ोन किया और मदद के लिए बुलाया. उनके बड़े भाई बल्लभगढ़ स्टेशन पहुंचे. लेकिन बल्लभगढ़ पहुंचने पर उन लोगों ने उन्हें ट्रेन से उतरने नहीं दिया. वो नीचे गिरा कर उनके ऊपर चढ़े गए. जब उनके भाई उन्हें बचाने के लिए ट्रेन पर चढ़े तो उन लोगों ने उन्हें अंदर खींच लिया और उनके साथ भी मार पिटाई की.
बल्लभगढ़ से कुछ लोग ट्रेन से उतरे और यहां से आगे ट्रेन चालू हुई तो उन लोगों ने चाकू निकाल लिया और शाकिर को मारना शुरू किया. जुनैद ने बीचबचाव किया तो उन्होंने जुनैद को भी मारा. जुनैद को उन्होंने इतना मारा था कि वो नीचे गिर गए. उन्हें लगा कि जुनैद मर गए हैं तो अगले स्टेशन असावटी में उन्हें फेंक दिया. इसके बाद वो ट्रेन की पिछली साइड से उतरे जबकि हम प्लेटफॉर्म से उतरे.
फिर उन लोगों ने एंबुलेंस को फोन किया. जब ओखला से ट्रेन चली थी तो 20-25 ही लोग थे, लेकिन धीरे-धीरे ट्रेन में भीड़ हो गई और उन्हें छोड़ कर पूरा डिब्बा गैर मुसलमानों से भरा था. पूरे डिब्बे के लोग एक हो गए थे. सब लोगों ने कहा ये मुसलमान हैं, देश द्रोही हैं इनको मारो.
वहीं हरियाणा के डीसीपी विष्णु दयाल ने कहा कि वारदात रात में हुई और दूसरा ट्रेन में मौजूद लोगों को भी मदद करनी चाहिए थी. साथ ही कहा कि खांडावली गांव के लोगों ने काली पट्टी नहीं बांधी , बल्कि बाहर से लोग इस गांव में काली पट्टी बांधकर आए हैं. उनका कहना था वो इसी गांव से ताल्लुक रखते हैं ना कि बाहर के , तो हम उनके साथ है. उन्होंने बताया कि, इस मामले में अभी एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है बाकी कुछ आरोपी आरोपियों की पहचान हो गई है. उनको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. वही गांव वालों ने इस शोक में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज किया. इस तरह का विरोध दूसरे अन्य शहरों में भी किया गया.
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