लखनऊ। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट से उसके 3 कद्दावर नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में एक एमएलए राकेश प्रताप सिंह, एक एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह और एक जिला पंचायत चेयरमैन अवधेश प्रताप सिंह शामिल हैं. ये तीनों नेता भाई हैं. तीनों नेताओं का आरोप है कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी ओर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने के कारण वे पार्टी छोड़ रहे हैं.
कांग्रेस छोड़ने वाले एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि फिलहाल वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं और सभी लोग मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे. रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की पारंपरिक सीट रही है. अहम बात यह है कि अवधेश प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अकेले जिला पंचायत चेयरमैन थे. ऐसे में, अवधेश प्रताप सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद अब उत्तर प्रदेश में पार्टी का एक भी जिला पंचायत चेयरमैन नहीं होगा. इसके अलावा, अब कांग्रेस के राज्य में सिर्फ एक एमएलसी और सिर्फ 6 एमएलए बच गए हैं.
चर्चा यह भी है कि ये तीनों भाई भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं. भाजपा की चुनावी रणनीति तोड़ने की रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यही किया था. उस दौरान भाजपा ने अपने-अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले उन सभी नेताओं को उनकी पार्टी से तोड़ कर भाजपा में मिला लिया जो टूट सकते थे. इस कड़ी में दर्जनों नाम लिए जा सकते हैं. लगता है भाजपा ने यही फार्मूला राहुल गांधी और सोनिया गांधी के संसदीय सीटों के लिए भी अपना लिया है.