उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत अंतिम चरण में है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती इस मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं. इस बीच कुछ बातें तय हो चुकी हैं. मसलन, दोनों दल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे और इन दोनों बड़े नेताओं को समर्थन देंगे.
तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी को भी शामिल करना चाहते हैं. अखिलेश यादव की नजर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सोलेहदेव भारतीय समाज पार्टी पर भी है. हालांकि इसको लेकर अभी बसपा की सहमति मिलनी बाकी है. अगर बसपा इन तीनों दलों के लिए सीटें छोड़ने को राजी नहीं हुई तो सपा अपने कोटे से कुछ सीटें छोड़ सकती है.
एक बड़ी खबर यह भी है कि यूपी के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव औऱ मुलायम सिंह यादव के अलावा बसपा प्रमुख मायावती के भी चुनाव मैदान में उतरने की बात तय हो गई है. 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बार होगा जब मायावती लोकसभा चुनाव लड़ेंगी.
दूसरी ओर राजस्थान, छत्तीसगढ़ औऱ मध्यप्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर भी बसपा और कांग्रेस साकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं. इन तीनों राज्यों में दोनों दलों के बीच गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि सीटों को लेकर खिंचतान अब भी जारी है. कांग्रेस की ओर से गठबंधन की बात महासचिव अशोक गहलोत कर रहे हैं तो वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को इसकी जिम्मेदारी दी है.
खबर के मुताबिक कांग्रेस पार्टी तीनों राज्यों में बसपा को चार से पांच सीट देने को राजी है, जबकि बसपा और ज्यादा सीटों की मांग कर रही है. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा मजबूत दावेदार है. इन तीनों राज्यों के चुनाव लोकसभा के संभावित चुनावों से छह महीने पहले होने हैं. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के लिए यह एक बड़ा चुनाव है, जिसमें कोई दल किसी भी तरह की चूक नहीं चाहता है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में जल्दी ही बसपा, कांग्रेस और सपा आधिकारिक रूप से गठबंधन का ऐलान कर सकते हैं.
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