उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने डीएलएड टीईटी पास 1207 समायोजित शिक्षा मित्रों को स्थाई नियुक्ति का तोहफा दिया है. कोर्ट ने शिक्षक बनने की योग्यता हासिल कर चुके शिक्षा मित्रों को स्थाई नियुक्ति दिए जाने का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ा था. टीईटी उत्तीर्ण करने वालों के साथ ही बीटीसी और डीएलएड उत्तीर्ण कर चुके शिक्षा मित्र भी प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनेंगे. उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार सरकार ने शिक्षा मित्रों को पक्का किया है, जिससे स्थाई किए गए शिक्षा मित्रों में खुशी की लहर है.
31 मार्च 2015 से पहले नियुक्ति पाने वाले शिक्षा मित्र, जिन्होंने टीईटी नहीं किया है, उनके पास 31 मार्च 2019 तक निर्धारित योग्यता हासिल करने का मौका है. सचिव, विद्यालयी शिक्षा डॉक्टर भूपिंदर कौर औलख ने सोमवार को यह शासनादेश जारी किया. उन्होंने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को औपबंधिक रूप से सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के पद पर कार्यरत पात्र शिक्षकों को सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के पद पर नियुक्ति के लिए अग्रेत्तर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
आदेश के अनुसार सचिव के अनुसार सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के वही शिक्षा मित्र पात्र होंगे, जिन्होंने उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-2012 के प्रावधानों के अनुसार द्विवार्षिक बीटीसी अथवा डीएलएड योग्यता हासिल कर ली हो. साथ ही वे टीईटी प्रथम वर्ष उत्तीर्ण भी कर चुके हों. शिक्षकों को नियुक्ति देने के लिए राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-2012 में संशोधन किया जाएगा. शिक्षा निदेशक को इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार के इस नए आदेश से हजारों कार्यरत शिक्षा मित्रों को लाभ मिलेगा. प्रदेश में कुल 3652 शिक्षा मित्र कार्यरत हैं, जिनमें से 1207 टीईटी और सीटीईटी पास कर चुके हैं. वहीं, 2445 शिक्षा मित्र अभी स्थायी नियुक्ति के लिए अर्ह नहीं हैं. उत्तराखंड टीईटी उत्तीर्ण प्राथमिक शिक्षक संगठन के अध्यक्ष सूर्य सिंह पंवार ने शासनादेश जारी होने पर सीएम त्रिवेंद्र रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख और प्रांरभिक शिक्षा निदेशक राकेश कुंवर का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि 17 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिली है. वर्षों से दुर्गम में सेवा दे रहे शिक्षकों में इससे नई ऊर्जा का संचार होगा.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।