जयपुर। किसी पुरानी ऐतिहासिक जगह या फिर किसी मंदिर या उसके आस-पास की खुदाई के दौरान बुद्ध की प्रतिमा मिलना अब आम होता जा रहा है. देश के कई हिस्सों में इस तरह की खबरें आए दिन सामने आती रहती है. ताजा सूचना राजस्थान से आई है, जहां खुदाई के दौरान 2000 साल पुरानी बुद्ध की प्रतिमा मिली है. यह प्रतिमा प्रदेश के टोडा भीम तहसली स्थित गांवजौल में मिली है. जहां प्रतिमा मिली है, वहां मंदिर है.
21 दिसंबर को स्थानीय मंदिर के चारदीवारी का निर्माण चल रहा था. जेसीबी से खुदाई का काम शुरू होते ही जेसीबी के बोकेट में तीन मूर्तियां निकल कर आई. दो हजार वर्ष पुरानी यह प्रतिमा मथुरा कला शिल्प शैली की है. बुद्ध के साथ दो अन्य मूर्तियां भी मिली है, जिसे भिक्षुणी की मूर्तियां कहा जा रहा है. हालांकि बुद्ध की प्रतिमा का चेहरा टूटा हुआ है. सूचना मिलते ही एसडीओ जगदीश आर्य ने प्रतिमाओं को अपने कब्जे में ले लिया.
स्थानीय इतिहासकार वीरसिंह मीणा ने इस बात पर मुहर लगाई है कि जौल में जो प्राचीन मूर्तियां निकली है वे ध्यानमग्न भगवान बुद्ध की हैं. बकौल मीणा मूर्ति निर्माण की दो शैलियां रही हैं जिसमें मथुरा शैली और गांधार शैली है. सामने आई प्रतिमा मथुरा कला शिल्प शैली की है. बुद्ध प्रतिमा 78 ईसा पूर्व से द्वितीय सदी के मध्य कुषाणकाल में निर्मित लगभग दो हजार वर्ष पुरानी है.
लेखक – करन कुमार

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