नई दिल्ली। आने वाले वर्ष 2018 से वित्तीय वर्ष अप्रैल की बजाय जनवरी से लागू किया जा सकता है. इसके साथ ही देश में 150 साल से चली आ रही अप्रैल-मार्च की वित्त वर्ष की परंपरा में बदलाव हो सकता है. इस साल का आम बजट नवंबर में पेश किये जाने की संभावनाऐं हैं. सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र मोदी ने वित्तीय वर्ष में बदलाव की बात कही थी, जिसके बाद सरकार इसको अमल में लाने में जुट गई है.
वर्तमान सरकार ने 2017-18 का बजट फरवरी के अंतिम हफ्ते की बजाय 1 फरवरी को पेश किया था. कई दशकों से भारत में फरवरी के अंतिम हफ्ते में बजट पेश करने की परंपरा थी. ऐसे में अगर फाइनेंशियल ईयर जनवरी से शुरू होता है तो यह दूसरा बड़ा बदलाव कहलाएगा.
सरकार के जिस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, उसके मुताबिक संसद का बजट सत्र दिसंबर से पहले शुरू होगा, ताकि बजट की प्रक्रिया को साल खत्म होने तक पूरा किया जा सके.बजट की प्रक्रिया को पूरा करने में तकरीबन दो महीने का वक्त लगता है, ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि सरकार नवंबर के पहले हफ्ते में आम बजट पेश कर सकती है.
उससे पहले तक भारत में वित्त वर्ष की शुरूआत एक मई को शुरू होकर 30 अप्रैल तक होती थी. प्रधानमंत्री मोदी के वित्त वर्ष का कैलेंडर वर्ष से मेल करने की इच्छा जताने के बाद सरकार ने पिछले साल एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया. जिसमें इस बड़े बदलाव को जामा पहनाया गया.

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