उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि बीते पांच दिनों के अंदर तीन बसपा नेताओं की हत्या हो चुकी है. इन वारदातों से प्रदेश की कानून- व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इन नेताओं में जुर्गाम मेहंदी, श्रीप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना और पूर्व विधायक हाजी अलीम शामिल हैं. इन नामों को देखकर एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या उत्तर प्रदेश में राजनीति हत्याएं शुरू हो गई हैं?
दरअसल एक के बाद एक बसपा के जिन तीनों नेताओं की हत्या हुई है, वो सभी पार्टी के कद्दावर नेता थे और उन सभी का अपना एक अलग रसूख भी था. यूपी के अंबेडकरनगर जिले में बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता ज़ुर्गाम मेहंदी और उनके कार चालक सुनीत यादव की 15 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई. डबल मर्डर की ये वारदात अंबेडकरनगर के हंसवार थाना क्षेत्र की है. नसीराबाद में रहने वाले बसपा के वरिष्ठ नेता ज़ुर्गाम मेहंदी सोमवार की सुबह अपनी कार में टांडा की तरफ जा रहे थे. जैसे ही उनकी कार रामपुर स्थलवा के पास पहुंची, तभी दो मोटरसाइकिलों पर आधा दर्जन बदमाशों ने उनकी कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं.
इसी तरह 14 अक्टूबर को गाजीपुर जमानिया क्षेत्र में मदनपुरा गांव में बसपा नेता श्रीप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उनका शव नहर में मिला. उन्हें पीठ पर गोली मारी गई है. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. श्रीप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से नाता तोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था. बुलंदशहर के बसपा नेता और पूर्व विधायक हाजी अलीम का 10 अक्टूबर को बेडरूम में शव मिला था. उनके शरीर पर गोली लगी हुई थी. परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं.
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