आज बहुजन समाज के लिए बड़ा दिन है। आज ही के दिन मान्यवर कांशीराम जी के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी द्वारा मंडल कमीशन में पिछड़ी जातियों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु की गई सिफारिशों को लागू करवाने के लिए जेल भरो आंदोलन किया गया था। आज उसकी 37वीं वर्षगांठ है। 37 वर्ष पहले सन् 1984 में 1 से 14 अगस्त तक बहुजन समाज पार्टी ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू कराने के लिए जेल भरो आंदोलन किया था। इस दौरान बसपा ने संसद भवन के सामने बोट क्लब पर अपने 3749 कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन किया तथा गिरफ्तारियां भी दी।
यहां 3749 कार्यकर्ताओं की संख्या के पीछे छिपे हुए अर्थ को भी समझना अति आवश्यक है। मान्यवर कांशी राम ने यह संख्या इसलिए चुनी थी क्योंकि मंडल कमीशन के अंदर 3749 जातियों का ही समावेश था। अर्थात मंडल कमीशन ने आरक्षण के लिए 3749 पिछड़ी जातियों को चिन्हित किया था। यद्यपि बाद में मंडल कमीशन की फाइनल रिपोर्ट में 3743 जातियों का ही नाम आया। जिसमें से 88 जातियां मुस्लिम समाज की भी समायोजित की गई।
साथ ही साथ मान्यवर कांशीराम ने ऑपरेस्ड इंडियन मैगजीन के अक्टूबर 1984 के अंक में यह भी वर्णित किया कि ऐसे ही प्रदर्शन एवं गिरफ्तारियां भारत के अनेक राज्यों की राजधानियों एवं जिला मुख्यालयों पर भी दिए गए। साथ ही साथ यह नारा भी प्रचलित किया गया कि, “मंडल कमीशन लागू करो, वरना कुर्सी खाली करो”।
इतना ही नहीं इसके पश्चात मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कराने के लिए मान्यवर कांशीराम ने 10-11 अगस्त 1985 से 1993 तक मा. कांशीराम के नेतृत्व में बामसेफ, डीएस-4 और बसपा ने मिलकर पूरे भारत में पाँच सेमिनार और 500 सिंपोज़ियम किए। यहां बहुजन समाज को यह जानना जरुरी है कि पिछड़ी जातियों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु संविधान में जिस कमीशन की संकल्पना की गई थी, वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत बना।
संविधान के इस अनुच्छेद 340 को बाबा साहेब आंबेडकर ने बनाया था। और बाद में जब वे नेहरू की कैबिनेट में कानून मंत्री थे तब इसे लागू कराने का भरसक प्रयास किया। जब वे इसमें कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने नेहरू की कैबिनेट से भी त्यागपत्र दे दिया। यह तथ्य उन्होंने अपने रेजिग्नेशन स्पीच में साफ-साफ लिखा, जिसे हम बाबा साहेब (English Writings and Speeches ) के वॉल्यूम 14- पार्ट 2; पृष्ठ संख्या 1319 पर पढ़ सकते हैं।
इसका तात्पर्य यह हुआ कि मान्यवर कांशीराम ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए जो भी धरना, प्रदर्शन, सिंपोजियम, सेमिनार, और गिरफ्तारियां आदि बहुजन समाज पार्टी के माध्यम से दी वह बाबा साहेब आंबेडकर के अधूरे एजेंडे को पूरा करने के मार्ग में उठाया गया कदम था। इसीलिए बार-बार मान्यवर कांशीराम कहा करते थे कि मैंने बाबा साहेब आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए ही बहुजन समाज पार्टी बनाई है। बहुजनों की एकता के लिए हमें ऐसे आंदोलनों की तिथियों को अवश्य याद रखना चाहिए।
प्रो. (डॉ.) विवेक कुमार प्रख्यात समाजशास्त्री हैं। वर्तमान में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सोशल साइंस (CSSS) विभाग के चेयरमैन हैं। विश्वविख्यात कोलंबिया युनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। ‘दलित दस्तक’ के फाउंडर मेंबर हैं।