गुजरात। भारत देश में मौजूदा समय में गाय का मुद्दा व्यापक रूप से चर्चा में है. ऐसे में बीजेपी के गढ़ गुजरात के कच्छ जिले में 65 गायों और बछड़ों की मौत की खबर सामने आई है. यह घटना रापर तालुका के एक मवेशी-खाने में हुई, जहां बहुतायत से गायें मौजूद थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि गायों की मौत की वजह सायनाइड के जहर की वजह से हुई है.
साल भर में इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत की यह दूसरी घटना है. जानकारी के अनुसार कस्बे से करीब 7 किलोमीटर दूर श्री जिवदया मंडल के मवेशी-खाने में हुई. शनिवार रात को कुछ गायें अचानक बेहोश होती जा रही थी. गौशाला के मैनेजर राजेन्द्र कोठारी ने बताया की, जैसे ही हमारे लोगों ने बताया कि मवेशी बेहोश हो रहे हैं. हमनें पशु-चिकित्सकों को मौके पर भेजा और करीब 80 गायों व बछड़ों का इलाज शुरू कर दिया लेकिन 30 को बचा पाए जबकि 65 की मौत हो गई.
बता दें कि श्री जिवदया मंडल (एसजेएम) एक ट्रस्ट है, जो रापर में तीन मवेशी-पाल गृह चलाता है. यह संस्था करीब 8,000 पशुओं की देशभाल करती है, पर गौ रक्षा मंडल ने उस वक्त हुई बारिश को जिम्मेदार बताया पर पशु चिकित्सकों ने साफ कर दिया है की गायों की मौत बारिश की वजह से नहीं हुई. रापर के सरकारी वेटरिनरी अधिकारी शैलेष चौधरी ने बताया की गायों के पोस्टमॉर्टम से साफ हो गया कि उनकी मौत सायनाइड के जहर की वजह से हुई थी जो कि उनके खाने हरे बाजरे में पाया गया जो शनिवार की दोपहर को खिलाया गया था.
कोठारी ने बताया की मवेशियों के लिए चारा पड़ोसी गांवों से आता है. उन्होंने कहा, ”हमें रोज करीब 10 ट्रक चारे की जरूरत होती है. शनिवार को सभी जानवरों को हरे बाजरे का चारा दिया गया था जिसके बाद से गायों की तबियत तेजी से खराब होती चली गयी और एक के बाद एक गाय मरती गयीं.
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