भुवनेश्वर। फैनी चक्रवात के चलते आंध्रप्रदेश में तेज बारिश हो रही है. तूफान कल ओडिशा के पुरी से टकरा सकता है. इस दौरान हवाओं की गति 175-205 किमी प्रतिघंटे हो सकती है. खतरे के मद्देनजर सुरक्षाबलों को हाईअलर्ट पर रखा गया है. तटीय इलाकों में रहने वाले 8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. 880 राहत शिविर बनाए गए हैं. सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर और कटक में भारी बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि फैनी बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. ईस्ट कोस्टर्न रेलवे ने अब तक 103 ट्रेनें रद्द कर दी हैं. ओडिशा 11 जिलों में आचार संहिता हटा दी गई है.
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक- फैनी 6 किमी/घंटे की रफ्तार से ओडिशा की तरफ बढ़ रहा है. ज्वाइंट टाईफून वॉर्निंग सेंटर (जेडब्ल्यूटीसी) के मुताबिक- फैनी तूफान अब तक का सबसे खतरनाक चक्रवात साबित हो सकता है. ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से करीब 10 हजार लोग मारे गए थे.
क्षेत्रीय मौसम विभाग के पूर्व निदेशक शरत साहू के मुताबिक- ओडिशा में 1893, 1914, 1917, 1982 और 1989 की गर्मियों में भी तूफान आए थे. लेकिन इस बार का चक्रवात बंगाल की खाड़ी के गर्म होने से बना है. लिहाजा यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए नेवी, एयरफोर्स और कोस्टगार्ड को हाईअलर्ट पर रखा गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) और ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएफ) को खतरे वाले इलाकों में तैनात किया गया है. अकेले भुवनेश्वर में दमकल की 50 टीमें तैनात की गई हैं. एक टीम में 6 सदस्य हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थानीय अधिकारियों से कहा है वे लोगों को मुफ्त खाना देने की व्यवस्था रखें.
स्पेशल रिलीफ कमिश्नर बीपी सेठी ने चेतावनी दी है कि तूफान के टकराने के दौरान उच्च ज्वार (1.5 मीटर तक) आ सकता है. लिहाजा लोग सावधानी बरतें. 15 मई तक डॉक्टरों और स्वास्थ्य अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. पुलिस प्रमुख आरपी शर्मा ने बताया कि सभी पुलिस अफसरों की भी छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं. जो अधिकारी छुट्टी पर हैं, उन्हें भी तुरंत ड्यूटी पर आने के आदेश दिए गए हैं.
इसे भी पढ़ें-चौथे चरण में भाजपा की साख दांव पर

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।