मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने देश के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है. 92 साल के महातिर ने बारिसन नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनाव में करारी शिकस्त दी है. उन्होंने पिछले छह दशकों में पहली बार चुनावी जीत के लिए विपक्षी दलों का नेतृत्व किया. बृहस्पतिवार को महातिर ने देश के राजा से मुलाकात भी की.
चुनाव आयोग ने घोषणा की कि महातिर के विपक्षी गठबंधन ने चुनाव में 115 सीटों पर जीत हासिल की है जो सरकार बनाने के आवश्यक 112 सीटों की सीमा से अधिक है. चुनावों में जीत के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमें किसी तरह का बदला नहीं लेना चाहिए, हम सिर्फ कानून का शासन लाना चाहते हैं.
महातिर मोहम्मद इससे पहले बीएन गठबंधन का नेतृत्व करते हुए 1981 से 2003 तक मलयेशिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. हालांकि तब वे भ्रष्टाचार का समर्थन करने वाली पार्टी का हिस्सा नहीं रहने की घोषणा करते हुए खुद ही पार्टी से अलग हो गए थे. इस बीच मौजूदा पीएम नजीब रजाक ने अपनी हार स्वीकार कर ली है.
नेशनल फ्रंट गठबंधन की शिकस्त के बाद रजाक ने कहा कि मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं. उन्होंने कहा कि एक दल को संसद में बहुमत मिला है, ऐसे में राजा ही फैसला लेंगे कि अगला पीएम कौन होगा.
22 साल तक मुस्लिम बहुल देश की बागडोर संभाल चुके महातिर के बाद सत्ता संभालने वाले नजीब पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. लेकिन चौंकाने वाले चुनाव परिणामों के बावजूद मलयेशिया में कहीं से कोई अप्रिय समाचार नहीं है, बल्कि सड़कों पर रात भर जश्न मनाया गया.
मलयेशिया में साठ वर्षों से सत्ता पर काबिज गठबंधन को चुनाव में हराने वाले नेता महातिर मोहम्मद पीएम पद की शपथ लेने के साथ ही दुनिया के सबसे बुजुर्ग निवाचित नेता बन जाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि शपथ ग्रहण समारोह आगामी बृहस्पतिवार को रखा जाए. इससे पहले दुनिया की सबसे उम्रदराज नेता होने का रिकॉर्ड क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के नाम रह चुका है जो 92 साल 19 दिन की थीं. जबकि महातिर की उम्र 92 साल 304 दिन है.
नजीब रजाक के नेतृत्व वाला बीएन गठबंधन सिर्फ 79 सीटों पर समेटने वाले महातिर मोहम्मद मूल रूप से नजीब के राजनीतिक गुरु रह चुके हैं. बीएम गठबंधन के वरिष्ठ नेता होने के नाते महातिर ने ही नजीब रजाक को राजनीति की बारीकियां समझाई थीं. लेकिन बाद में एमबीडी रिश्वत घोटाले के बाद उन्होंने खुद को नजीब से अलग कर लिया. इस घोटाले की जांच छह देशों में चल रही है. मौजूदा चुनाव में महातिर ने इस घोटाले की निष्पक्ष जांच का वादा किया है.
इसे भी पढ़ें–पार्टी के खिलाफ जाकर इस भाजपा सांसद ने की जिन्ना की तरीफ
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।