बॉलीवुड की स्वप्न सुंदरी यानि ड्रीम गर्ल से हेमा मालिनी ने सफल राजनीतिज्ञ बनने तक का लंबा सफर तय किया है। 2003 से 2009 तक राज्यसभा में और 2014 से लोक सभा में भाजपा की सांसद के बारे शायद ही ऐसा कुछ हो जो सुपर स्टारडम को जीने वाली पहली एक्ट्रेस हेमा के बारे में उनके फैंस ना जानते हों। इसके बावजूद उनके जन्मदिन पर चलिए उनकी कहानी की कुछ खास बातें बताते फिर से दोहराते हैं।
करियर की शुरूआत में हेमा मालिनी को एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। हालांकि सत्तर के दशक में जब हेमा सुपर स्टार बन चुकी थीं श्रीधर ने उनकी लोकप्रियता को कैश कराने के लिए 1973 में फिल्म ‘गहरी चाल’ का निर्माण किया।
सालों तक संघर्ष करने बाद हेमा मालिनी को जिक्र के काबिल काम नहीं मिला था। इसके बाद 1968 उनके कैरियर का सुनहरा साल साबित हुआ जब उन्हें बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर की फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ में पहली बार लीड रोल मिला। इसी फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रमोट किया गया हालांकि फिल्म फ्लॉप हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया।
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