नई दिल्ली। भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन संभवत: भारतीय क्रिकेट टीम के संदर्भ में खुलासा किया कि आखिर कैसे वह 20 साल तक उस कोच से जुड़े रहे जिससे वह नफरत करते थे. कप्तान विराट कोहली से मतभेद के कारण अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के घंटों बाद बिंद्रा ने जर्मनी के उवे रीस्टरर के साथ अपने समीकरण को लेकर ट्वीट किया, जो लंबे समय तक उनके कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे.
अब संन्यास ले चुके बिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘मेरे सबसे बड़े शिक्षक कोच रीस्टरर थे. मैं उनसे नफरत करता था, लेकिन 20 साल तक उनके साथ रहा. वह हमेशा मुझे वह बातें बोलते थे, जो मैं सुनना नहीं चाहता था. बिंद्रा ने इस अपने ट्वीट पर ‘जस्टसेयिंग’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया है.
रीस्टरर 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान भी बिंद्रा के सहयोगी स्टाफ का हिस्सा थे. वह पिछले साल रियो ओलिंपिक में भी बिंद्रा के साथ जुड़े थे, जहां यह दिग्गज भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहा था और फिर संन्यास ले लिया था.
बता दें कि कुंबले ने अपने इस्तीफे के बाद किए ट्वीट में इस बात का जिक्र किया है कि कोहली के साथ संबंधों में बढ़े विवाद के चलते उन्होंने कोच पद से इस्तीफा देना ही बेहतर समझा. उन्होंने माना कि बोर्ड की ओर से कोच और कप्तान में सुलह की कोशिशों के बावजूद कोच-कप्तान की जोड़ी अब अस्थिर हो गई. इस 46 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा, ‘यह मालूम चलने के बाद कि कप्तान कोहली को उनके साथ दिक्कते हैं, तो उन्होंने अपने कदम वापस खींचना ही बेहतर समझा.’

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।