हैदराबाद। हैदराबाद विश्वविद्यालय ने पीएचडी के एक छात्र को सोशल मीडिया पर एक दलित प्रोफेसर के खिलाफ अपशब्द कहने पर एक वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है. विश्वविद्यालय ने गुरुवार को कालूराम पल्सानिया को निष्कासित करने के आदेश जारी किया. पल्सानिया इतिहास विभाग का शोध छात्र था, साथ ही आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का नेता भी है.
प्रोफेसर द्वारा सेमेस्टर परीक्षा में ‘शिक्षा के भगवाकरण’ के मुद्दे पर एक प्रश्न बनाने पर पल्सानिया ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द लिखे थे. इसके बाद विश्वविद्यालय ने सात सदस्यीय बोर्ड बनाया था. इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अलावा एक सेवानिवृत न्यायाधीश व एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल थे. जांच के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी कर कहा- “विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने छात्र को सोशल मीडिया पर अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के. लक्ष्मीनारायण को अपशब्द बोलने का दोषी पाया.” बोर्ड ने छात्र पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पल्सानिया ने पिछले नवंबर में सोशल मीडिया पर लक्ष्मीनारायण पर आरोप लगाया था कि ‘वह केवल अपनी ब्लैकमेल करने वाली चालों की मदद से प्रोफेसर बने हैं.’यह पोस्ट बीते महीने चर्चा में आई और इसके बाद परिसर में तनाव फैल गया था. इसके बाद अंबेडकर छात्र समिति और अन्य दलित संगठनों ने पल्सानिया के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी. दलित छात्र रोहित वेमुला की द्वितीय पुण्यतिथि पर इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है.
करण कुमार

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