लखनऊ। भाजपा भले ही बसपा को कमजोर पार्टी होने का दावा कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा बसपा की ताकत से इस हद तक डरी हुई है कि बसपा की रैली में मुरादाबाद से सही समय पर ट्रैनें छोड़ने वाले अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है. इसको लेकर रेलवे अधिकारियों में खासी गहमागहमी भी है.
दरअसल पिछले दिनों लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर रैली का आयोजन किया था. इस रैली में हर क्षेत्र से लोगों की लाने की जिम्मेदारी स्थानीय पदाधिकारियों और बसपा के विधानसभा उम्मीदवारों को दी गई थी. बसपा ने मुरादाबाद से सात ट्रेनें लखनऊ के लिए बुक कराई थी. ये स्पेशल ट्रेनें मुरादाबाद के अधिकारियों ने सही समय से छोड़ दी और अन्य यात्री ट्रेनों को काफी देर तक रोके रखा. उस दिन तो इस घटना को किसी ने संज्ञान में नहीं लिया.
बसपा की रैली की सफलता की सूचना जब उच्च स्तर तक पहुंची तो पूरा रेलवे विभाग सकते में आ गया. सभी अधिकारी सक्रिय हो गए. यह पता लगाया जाने लगा कि बसपा के लिए बुक रेलगाड़ियां सही समय पर क्यों चलाई गई? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन है? छानबीन में पता चला कि रेलवे के सीनियर डिवीजनल कॉमर्शियल प्रबंधक हंसराज ने गाड़ियां छोड़ने के आदेश दिए थे. फिर क्या था कि रेल विभाग ने उन्हें वहां तत्काल प्रभाव से उनके अधीनस्थ की पोस्ट पर भेज दिया और अधीनस्थ को हंसराज की जगह पर. इलाहाबाद-झांसी मंडल के अधिकारियों ने से भी इस सिलसिले में रिपोर्ट मांगी गई थी.
सूत्रों का कहना है कि बसपा की रैली में अप्रत्याशित भीड़ आने से भाजपा हाईकमान चितिंत हो उठा है. वह यह पता करने में जुट गया है कि आखिर इतनी बड़ी संख्य में लोग कैसे पहुंचे. जांच में पाया गया है कि बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों के माध्यम से रैली में गए थे. इसके बाद यह पता किया जा रहा है कि और कहां-कहां से सही समय से रवाना की गई. अब वहां भी कार्रवाई किए जाने के संकेत है.

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