लखनऊः उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (एससी एसटी) आयोग का शुक्रवार को गठन कर दिया गया है। करीब एक साल बाद पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को इसका पूर्णकालिका अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण के पास अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार था।
जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक बेचन राम और जीत सिंह खरवार को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बाराबंकी के बैजनाथ रावत अनुसूचित जाति से हैं। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले रावत तीन बार विधायक, एक बार सांसद और यूपी सरकार में बिजली राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उनकी नियुक्ति को अनुसूचित जाति को पार्टी से जोड़ने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
गोरखपुर के पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र के रहने वाले जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष बनाने के अलावा अन्य 16 सदस्य भी नामित किए गए हैं। मेरठ के हरेंद्र जाटव और नरेंद्र सिंह खजूरी, बरेली के संजय सिंह और उमेश कठेरिया, कौशाम्बी के जितेंद्र कुमार, लखनऊ के रमेश कुमार तूफानी, सहारनपुर के महिपाल वाल्मीकि को सदस्य बनाया गया है। इसीप्रकार कानपुर के रमेश चंद्र, हमीरपुर के शिव नारायण सोनकर, औरेया की नीरज गौतम, आगरा के दिनेश भारत, आजमगढ़ के तीजाराम, मऊ के विनय राम, गोंडा की अनिता गौतम, भदोही के मिठाई लाल और अंबेडकर नगर की अनिता कमल को भी आयोग के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया गया है।
बता दें कि यूपी में दस सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। इसे देखते हुए सरकार का यह फैसला अहम माना जा रहा है। इससे पहले अभी हाल में ही महिला आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्यों के नाम का ऐलान किया गया था।
उम्र बनी थी रोड़ा
प्रदेश सरकार ने 23 अगस्त को आयोग में अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और 17 सदस्य नियुक्त किए थे। उनकी नियुक्ति के आदेश के बाद पता चला कि अध्यक्ष बैजनाथ रावत, उपाध्यक्ष बेचन राम, सदस्य नरेंद्र सिंह खजजूरी और अजय सिंह कोरी की आयु 65 वर्ष से अधिक है। ऐसे में उनकी नियुक्ति को लेकर संकट खड़ा हो गया था।
बदल दिए नियम
राज्य सरकार के कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग अधिनियम 1995 तथा संशोधित अधिनियम 2007 की धारा 5 की उपधारा (1) में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई थी। इससे उत्तर प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष बैजनाथ रावत, उपाध्यक्ष बेचन राम, सदस्य नरेंद्र सिंह खजूरी व अजय सिंह कोरी का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले सिर्फ 65 वर्ष की उम्र तक का व्यक्ति ही आयोग का अध्यक्ष या अन्य पद पर सदस्य मनोनीत हो सकता था।
‘दलित दस्तक’ में डिजिटल कंटेंट एडिटर अरुण कुमार वर्मा पिछले 15 सालों से सक्रिय पत्रकार हैं। भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से पत्रकारिता करने के बाद अरुण वर्ष 2008 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। हिंदी दैनिक अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत करने के पश्चात राजस्थान पत्रिका व द मूकनायक जैसे प्रिंट व डिजिटल मीडिया संस्थानों में बतौर रिपोर्टर और एडिटर काम किया है। अरुण को 2013 में पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए ‘पण्डित झाबरमल पत्रकारिता पुरस्कार’ व वर्ष 2015 में प्रतिष्ठित ‘लाडली मीडिया पुरस्कार’ जीता है। अरुण उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मूल निवासी है।