नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए. संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलवाई. यहां तक सब कुछ नियम और परंपरा के मुताबिक हुआ. लेकिन राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक ऐसी बात भी हुई जो न तो भारत की परंपरा रही है और न ही इसे सही ठहराया जा सकता है.
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद भाजपा के तमाम नेताओं ने जयश्री राम के नारे लगाए. असल में देश के राष्ट्रपति के चुनाव के बाद भाजपा द्वारा लगाया जाने वाला यह नारा भाजपा के एजेंडे को दर्शा रहा है. यह इसलिए भी चुभने वाली बात है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में एक धर्म विशेष से जुड़े व्यक्ति के नारे लगाना, कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता.
बाद में कांग्रेस और अन्य दल के नेताओं ने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई. कांग्रेस पार्टी ने इस बात को लेकर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम नहीं लिया.
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