
नई दिल्ली। कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 के करीब जवानों की मौत के बाद पूरा देश सदमे में है. इस हमले में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 12 जवान मारे गए हैं. हमला पुलवामा के अवन्तिपुरा के गोविंदपुरा इलाके के गुरुवार को तब हुआ जब सेना सीआरपीएफ का काफिला वहां से गुजर रहा था. बताया जा रहा है कि इस हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ था. यह एक आत्मधाती हमला था जिसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने ली है.
इस हमले के बाद भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक शहीद के परिजनों को 25-25 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को प्रदेश सरकार की ओर से नौकरी देने की घोषणा की है. साथ ही पैतृक गांव के संपर्क मार्ग का नामकरण भी संबंधित जवानों के नाम पर किया जायेगा. जबकि वहीं कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश सरकार ने अपने राज्य के मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, “हमले में जबलपुर के शहीद सपूत अश्विनी कुमार काछी की शहादत को नमन करता हूं. राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये, एक आवास व परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी. दुख की घड़ी में हम उनके साथ है.”
गौरतलब है कि यूपी के गृह विभाग की ओर से एक बयान जारी कर मृतक परिवारों का नाम बताया गया है. बयान के मुताबिक चंदौली के अवधेश कुमार यादव, शामली के अमित कुमार, शामली के ही प्रदीप कुमार, देवरिया के विजय कुमार मौर्य, मैनपुरी के राम वकील, इलाहाबाद के महेश कुमार, वाराणसी के रमेश यादव, आगरा के कौशल कुमार रावत, कन्नौज के प्रदीप सिंह, महाराजगंज के पंकज कुमार त्रिपाठी, कानपुर देहात के श्याम बाबू तथा उन्नाव के अजित कुमार आजाद शामिल हैं. सूचना विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार शहीद जवानों का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा जिसमें प्रदेश के मंत्री, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे.
बताते चलें कि यह उरी से भी बड़ा हमला है. 18 सितंबर 2016 में जम्मू कश्मीर के ही उरी में सुरक्षा बलों के कैंप में कुछ आतंकवादी घुस आए थे. इस हमले में उरी हमले 18 सैनिक शहीद हो गए थे. जबकि इससे पहले 2 जनवरी 2015 को आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे जबकि 30 से ज्यादा जवान घायल हो गए थे.

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