नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल आज भी जारी है. डॉक्टरों से मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल का असर बंगाल से लेकर दिल्ली तक देखने को मिल रहा है. देश के 19 से ज्यादा राज्यों के डॉक्टरों ने हड़ताल का खुलकर समर्थन किया है. इस बीच दिल्ली AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल खत्म कर अपने काम पर वापस लौट आएं हैं, लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मांगे पूरी करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.
– डॉक्टरों से हिंसा को लेकर कोलकाता के एनआरएस अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी है.
– इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की.
– हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कहा है कि वे शाम को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाए गए बैठक में शामिल नहीं होंगे.
– एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मल्ही ने कहा है कि सभी रेजिडेंट डॉक्टर काम पर वापस आ गए हैं, लेकिन हम काले बैज, पट्टियाँ और हेलमेट पहनकर सांकेतिक विरोध जारी रखेंगे. अगर हालत बिगड़े तो हम 17 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
– डॉक्टर्स असोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं. अगर सरकार नाकाम रहती है तो हमें एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
17 जून को देशव्यापी हड़ताल
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हुई हिंसा के विरोध में इंडियन मेडिकल असोसिएशन भी हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में आ गया है. दिल्ली मेडिकल असोसिएशन (DMA) और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने देश के 19 राज्यों के डॉक्टरों ने एकसाथ मिलकर 17 जून को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. एसोसिएशन ने बकायदा सरकार को पत्र लिखकर केंद्रीय अस्पताल सुरक्षा कानून बनाकर पूरे देश में लागू करने की मांग की है. साथ ही कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं की जातीं तो सोमवार को देशव्यापी हड़ताल की जाएगी.
AIIMS रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांगें
– पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर राजनीतिक से प्रेरित हमले रोकने के लिए केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे.
– देश भर के अस्पतालों में एक समान सुरक्षा कोड लागू किया जाए और वार्डो में तीमारदारों को प्रवेश देने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर) बनाया जाए.
-अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाएं, बंदूकधारी गार्ड भी तैनात किए जाएं.
-मेडिकल कॉलेजों के छात्रवास में सुरक्षा बढ़ाई जाए.
-सभी अस्पतालों में सीसीटीवी की सुविधा हो, खासतौर पर इमरजेंसी में.
– अस्पतालों में सुरक्षा के लिए हॉटलाइन अलार्म सिस्टम लगाया जाए.
– सुरक्षा की नियमित समय पर समीक्षा की जाए.
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