बीकानेर। श्री मक्खन जोशी वेलफेयर सोसायटी और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के मुख्य वक्ता न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने कहा, शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्तित्व एवं समाज का निर्माण होना चाहिए. उन्होंने कहा, आजादी के 70 वर्ष बाद भी हम शिक्षा का लक्ष्य तय नहीं कर पाए हैं. जब तक लक्ष्य तय नहीं होगा देश का विकास संभव नहीं मुख्य अतिथि एमजीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.भगीरथ सिंह ने कहा अच्छी शिक्षा और वातावरण होते हुए भी चरित्र निर्माण में सफल नहीं हो पा रहे हैं हम. उन्होंने कहा, इस प्रकार की संगोष्ठी निश्चित रूप से विद्यार्थी और समाज के लिए उपयोगी साबित होगी.
अध्यक्षीय उद्बोधन में महापौर नारायण चौपड़ा ने शिक्षा के साथ राष्ट्रीय चरित्र निर्माण की महती आवश्यकता बताई. कॉलेज प्राचार्य डाॅ. उमाकान्त गुप्त ने व्यक्तित्व विकास की बात कही. डाॅ.अनिला पुरोहित ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से समाजोत्थान एवं व्यक्तित्व विकास में सहायक हो रही है. कार्यशाला में सोसायटी के सचिव अविनाश जोशी, डाॅ.चंद्रशेखर कच्छावा, स्वामी सुबोध गिरी जी महाराज आदि ने विचार रखे. द्वितीय सत्र में दैनिक जीवन में व्यक्तित्व विकास के प्रयोग विषय पर चर्चा हुई.
तृतीय समानांतर में तकनीकी शिक्षा में नैतिकता पर गौरव बिस्सा, डा. देवाराम गोदारा और वैदिक गणित में एन.के.सोनी,डाॅ. शशिकांत वर्मा ने भी अपने पत्र प्रस्तुत किए. कार्यक्रम में डॉ.बेला भनोत, सुनील रामपुरिया, डॉ.प्रकाश अमरावत,डॉ.नंदिता सिंघवी, डॉ.इंद्रा बिश्नोई, डॉ.राजेंद्र आदि शामिल हुए.
साभार: दैनिक भास्कर

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