नई दिल्ली। एनडीए में घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने देश भर में दलितों राजनीति कर रहे नेताओं पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा कि दलितों से रोटी खाने को सब तैयार हैं परंतु बेटे देने कोई तैयार नहीं होता। उन्होंने कहा अंतरजातीय विवाह से जाति व्यवस्था खत्म हो सकती है। रोटी और बेटी की समस्या हल हो जाए तो जातिवाद खत्म हो जाएगा। बता दें कि 2014 के बाद से अब तक लगभग हर चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता दलित और आदिवासियों के यहां जाकर रोटी खाते हैं, कभी कभी बनाते भी हैं।
इस दौरान भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष पर हमला बोलते हुए पासवान ने कहा कि उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे महागठबंधन की वही हालत होगी, जैसी इंदिरा गांधी के समय 1977 सिंडीकेट की। इनका राष्ट्रीय नेता कौन है? राहुल गांधी, चन्द्राबाबू नायडू और ममता बनर्जी को लोग नेता नहीं देख रहे हैं। यहां तो सब अपनी ढपली बजा रहे हैं। पासवान ने माना कि उत्तरप्रदेश के कैराना और फूलपुर का उपचुनाव हारना चिंता का विषय है।
Read it also-थाने में दलित को पीटकर मार डालने वाले पुलिसवालों को 10 साल की सजा
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
It is very interesting Mr. Paswan has been in the Modi Govt. for almost 4 years and now has the nerve to talk about ‘Beti-Roti’.Didn’t Dalits have “Beti” all along .He senses that BJP is a loosing party so now he is quick to jump ship before it sinks. He is one of the most opportunist politicians in the name of Dalits.Both “Bap-Beta” enjoyed Delhi “Gaddi”, and hell with Dalit rapes, atrocities, there is hardly any day goes by in the news paper/T.V when Dalits are not treated as second class citizens.Is n’t has ashamed as a Dalit himself to read/know of them.He has sold name “Dalit” to all major political parties “As a Dalit leader” for his own political gain since the time he became a “Dalit Politician”.There is a tremendous anger among the masses against these ilk of Mr. Paswan. They should retire gracefully before booted out in the next election and give space to new and dynamic leaders. Suddenly he now has become a “Dalit Rakshak”.There is a saying in Hindi, “Saw chooha kha billi haj ko chali”.People like him have done more damage to Dr.Ambedkar’s mission by aligning with our enemies- P.M Modi is the recent example