श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा को गये श्रद्धालुओं पर इस साल आफत आन पड़ी है अभी बीते सोमवार को अमरनाथ यात्रियों पर आतंकियों द्वारा हमले में 8 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. अब इसके बाद रविवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रही बस जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से फिसलकर खाई में गिर गई, जिससे 17 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए.
एक सप्ताह में हुई इन दोनों घटनाओं में एक घटना यह रही कि जब बस हादसे का शिकार हुई तो मदद के लिए घटनास्थल पर सैकड़ों मुस्लिम सबसे पहले पहुंचे, जिन्होंने लगभग एक दर्जन तीर्थयात्रियों का जीवन बचाया.
भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की भावना दिखाते हुए एक गैर सरकारी संगठन जिसमें ज्यादातर मुस्लिम स्वयंसेवक थे, घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे. रामबन-बनिहाल क्षेत्र में ये एनजीओ सड़क हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आता है जिन्होंने कई मौके पर पंहुच कर अब तक 50 से अधिक जानें बचाई हैं.
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीर्थयात्रियों की मौत होने पर दुख प्रकट किया और मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. जेकेएसआरटीसी ने सड़क दुर्घटना की जांच कराने का आदेश दिया है. बता दें कि इस साल अमरनाथ यात्रा को जाने वाले यात्रियों के साथ दो दहलाने वाली घटनाऐँ हो चुकीं हैं.
पहले घटना हमले के रुप में रही जिसमें 10 जुलाई को आतंकवादियों ने एक बस पर किया था जिसमें आठ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और अब दूसरी घटना सड़क हादसा रही जिसमें 17 यात्रियों की मौत हो गयी.

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