12 साल पहले अमेरिका में एक संस्था बनी। नाम था अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जिसे दुनिया अब AIC के नाम से जानती है। यह संस्था 20 जुलाई 2024 को अपनी स्थापना के 12 वर्ष का जश्न मना रहा है। लेकिन इस बार का जश्न खास है। भारत से अमेरिका गए अंबेडकरवादियों ने मिलकर जब अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर बनाया तब शायद ही किसी को यह अहसास होगा कि यह संस्था एक दिन इतिहास रच देगी। इस संस्था ने महज 12 सालों में भारत के बाहर अमेरिका के वाशिंगटन डीसी के पास मैरीलैंड में बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर के सबसे ऊंचे स्टैच्यू को बनाकर इतिहास रच दिया।
14 अक्टूबर 2023 को जब AIC की अपनी जमीन पर बाबासाहेब की 12 फुट ऊंची आदमकद प्रतिमा स्थापित हुई थी, तब अमेरिका और कनाडा के तकरीबन दो दर्जन शहरों से 500 अंबेडकरवादी परिवार सहित पहुंचे थे। कार्यक्रम अमेरिका में हो रहा था, लेकिन उसके साक्षी दुनिया भर के अंबेडकरवादी बने। दुनिया भर की मीडिया में इसकी पुरजोर चर्चा हुई, क्योंकि इस स्टैच्यू के अपने मायने थे। इसे स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी का नाम दिया गया है।
दलित दस्तक के संपादक के तौर पर भारत के बाहर इस इतिहास को बनते हुए मैंने भी देखा था और लोगों के उत्साह, भावुकता और इस संस्था के जरिये अंबेडरवाद को अमेरिका में फैलाने के सपने को करीब से महसूस भी किया था।
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