देहरादून से लौटते वक्त ऋषिकेश रुकना हुवा, साथियों ने कहा चलो लक्ष्मण झूला भी देख लेते हैं। वहाँ पहुँचे तो इन शख्सियत को देखकर मन प्रसन्न हो गया। साथी Rakesh Kumar Bauddh जी की नजर बैकग्राउंड पर पड़ी तो बोले, “चलिए नीबू पानी पीते हैं” वहाँ पहुँचते ही प्रश्न ये फोटो आपने लगाई है? वो बोले हाँ। नीबू-पानी वाले भाई साहब बोले, “जय भीम” उनका इतना कहना था कि सोच में पड़ गया। अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे कहे जाने वाले लोगों को जय भीम सम्बोधन कहने में चेहरे पर बल पड़ते देखा है कितनी बार। सलाम है भाई आपको और आपकी जिंदादिली को। अब जरा इनका परिचय दे दें। मेरी नजर इनके हाथ पर पड़ी तो देखा नाम गुदा हुआ है। नाम है इनका गरीब दास। बोला ये आपका नाम है उनका उत्तर था जी। अब आप ही सोचिये किसने इनका यह नाम रखा होगा। हम साथियों की नजर में इनका नाम गरीब दास नहीं अमीर दास हो गया। हम लोगों ने नीबू पानी पिया, लेकिन हमें उसमें रत्ती भर भी खट्टापन नहीं लगा इतनी मिठास महसूस हुई बता नहीं सकता। यह न केवल मुझे बल्कि हमारे अन्य साथियों को भी महसूस हुई। अंत में इनकी एक बात बहुत अच्छी लगी बोले इस फोटो से मेरी अमेरिका में भी पहचान है। वहाँ के कुछ लोग आये थे उन्होंने देखा तो मेरा नम्बर लिया और अब उनका फोन आते रहता है।
- संजय कुमार
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