विगत 27 मई को हिन्दी सिनेमा के जाने-माने एक्शन हीरो (एक्शन कोरियोग्राफर) और अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का निधन हो गया. वीरू देवगण के निधन पर तमाम फिल्मी हस्तियों ने अजय देवगण के घर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वीरू देवगन के अंतिम संस्कार में ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन, शाहरुख खान, सनी देओल समेत तमाम सितारे पहुंचे. इस दौरान बॉलीवुड के जीवित कवदंती बन चुके अमिताभ बच्चन भी पहुंचे. अमिताभ वीरू देवगण के काफी करीब रहे हैं.
उनकी मौत की खबर सुनकर अमिताभ बच्चन को जबरदस्त झटका लगा. अपने दोस्त को खो देने का गम बिग बी ने एक ब्लॉग में लिखा है.अमिताभ बच्चन, वीरू देवगन के अंतिम संस्कार में अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर पहुंचे थे. अपने दोस्त वीरू देवगन की मौत से दुखी अमिताभ ने बेहद इमोशनल नोट लिखा है.
अमिताभ ने आगे वीरू देवगन संग अपनी पहली मुलाकात और काम के अनुभव के बारे में बताया. अमिताभ ने लिखा, “मैं उनसे पहली बार राजस्थान के एक छोटे से गांव पोशीना में मिला था. मुझे याद है मेरी फिल्म रेशमा और शेरा की. जब खन्ना साहेब (वीरू देवगन) डमी के साथ एक्शन सीन का रिहर्सल कर रहे थे. सीन में सुनील दत्त साहब फिल्म के लीड हीरो थे, जिन्हें गांव के निगेटिव किरदार से पिटना था. वो लीडिंग मैन की तरह सीन को कर रहे थे. “
सीन के बारे में डिटेल जानकारी देते हुए अमिताभ ने लिखा, “मुझे अच्छी तरह याद है. रेत में शूटिंग के दौरान खन्ना साहब कितने दर्द में शूटिंग कर रहे थे. उनके चेहरे का वो दर्द याद है, लेकिन वो लगातर डमी के साथ सीन रिहर्सल पूरे परफेक्शन के साथ कर रहे थे.”
अमिताभ बच्चन ने लिखा, “फिर एक दिन हमने उन्हें (वीरू देवगन) खो दिया… वीरू देवगन बहुत ही शानदार एक्शन डायरेक्टर रहे. जिन्होंने एक्शन में नए नए तरह का इनोवेशन किया. सिर्फ नए तरीके से करने के साथ उसे परफेक्शन के साथ पूरा किया.”
अमिताभ के मुताबिक, वीरू देवगन ने दूसरे स्टंटमैन के लिए नौकरी के रास्ते खोले. कितने ऐसे स्टंटमैन है जो आज डायरेक्टर प्रोड्यूसर बन गए हैं. वीरू जी खुद भी प्रोड्यूसर और डायरेक्टर बने.अमिताभ के मुताबिक वीरू जी ने इंडस्ट्री को ग्रूम किया, नया परफेक्शन दिया. उनका सबसे फाइन टैलेंट है- अजय देवगन. हमने कई फिल्मों में साथ काम किया. मेरी ज्यादातर फिल्मों में उन्होंने एक्शन सीन किए. वीरू पंजाब से थे, सेट पर मेरा वेलकम भी वो उसी अंदाज में करते थे. मुझे अमिताभ सिंघया कहकर बुलाते थे. अमिताभ ने लिखा, “वीरू की मौत मेरे लिए एक सदमे की तरह है. जब मुझे ये खबर मिली, उस वक्त चेहरे की शूटिंग कर रहा था. मैंने काम रोक दिया. पूरी टीम ने उनके सम्मान के लिए दो मिनट का मौन रखा. काम खत्म होने के बाद उनके अंतिम संस्कार में गया. वहां पहुंचकर सारी चीजें घूमने लगीं, कैसे वो काम करते थे. वक्त कैसे बीत जाता है… जो कभी वापस नहीं आता. बस रह जाती हैं यादें.
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