नई दिल्ली। देश में दलितो को लेकर राजनीति तेज हो गई है. 2 अप्रैल को दलित आंदोलन के बाद भाजपा के दलित सांसदों की बेचैनी भी खुलकर सामने आने लगी है. एक के बाद एक चार दलित सांसद पार्टी में भेदभाव को लेकर मीडिया के सामने आ गए हैं. आलम यह है कि इनकी नाराजगी पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक के लिए चिंता का विषय बन गई है.
पिछले दिनों सावित्रीबाई फुले, छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नागिना के यशवंत सिंह जैसे सांसदों ने दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाकर मोदी और अमित शाह को परेशान कर दिया है. खबर है कि सांसदों की नाराजगी का डैमेज कंट्रोल करने के लिए मोदी ने बीते शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया. एक घंटे तक चली इस बैठक के दौरान मोदी ने न केवल योगी से चर्चा की बल्कि इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट भी यूपी बीजेपी से मांगी है.
असल में गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में हार से पहले से ही परेशान भाजपा के लिए पार्टी के एक के बाद एक चार बीजेपी दलित सांसदों की नाराजगी पीएम मोदी के लिए भी सिरदर्द बन गई है. सभी सांसदों के यूपी से होने के कारण मोदी और अमित शाह ज्यादा परेशान हैं. वो इस मामले को तूल नहीं देना चाहते हैं.
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राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।