अमेरिका के कैलिफोर्निया विधानसभा में जातिवाद के खिलाफ SB 403 कानून पास

601

अमेरिका के अंबेडकरवादियों ने आखिरकार जाति की वह जंग जीत ली है, जिसको लेकर वह बीते कई महीनों से लड़ाई लड़ रहे थे। केलिफोर्निया में कॉस्ट डिस्क्रिमिनेशन के खिलाफ कानून SB 403 को कैलिफोर्निया एसेंबली ने पास कर दिया। आधी रात को जब भारत सो रहा था, यह खबर सामने आई। इसके बाद दुनिया भर के अंबेडकरवादियों में खासा उत्साह है। खास बात यह रही कि जातिवाद के खिलाफ इस लड़ाई को रिपब्लिक और डेमोक्रेट दोनों दलों का भारी समर्थन मिला। इसके पक्ष में 50 वोट जबकि विरोध में तीन वोट पड़े। यानी अब कैलिफोर्निया में कोई किसी को जाति के आधार पर प्रताड़ित करेगा या जातिगट टिप्पणी करेगा तो अब उसकी खैर नहीं है।

इस खबर के सामने आने के बाद अमेरिका के तमाम हिस्सों से अंबेडकरवादियों के जश्न की खबरें आ रही है। इस पूरी लड़ाई में कैलिफोर्निया में सीनेटर आयशा बहाव का बड़ा योगदान है। आयशा बहाव सदन में हेवर्ड और फ्रीमोंट इलाके का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस इलाके में दक्षिण एशिया के लोगों की खासी संख्या है। तो दूसरी ओर इस पूरी लड़ाई में भारतीय-अमेरिकी तेनमोई सुंदरराजन की भी भूमिका काफी अहम रही है। तेनमोई जाति के प्रश्न पर चले कई आंदोलनों और मुकदमों से जुड़ी रही हैं और मानवाधिकार के लिए काम करती हैं।

उनके नेतृत्व में इक्वैलिटी लैब ने अमेरिका में 1500 लोगों पर एक सर्वे किया था, जिसमें अमेरिका में 67 प्रतिशत दलितों को भेदभाव का सामना करने की बात सामने आई थी। इससे भी अमेरिका में जाति विरोधी आंदोलन को मजबूती मिली थी। फिलहाल SB-403 के कैलिफोर्निया में पास होने के बाद अब अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर जातिवाद के खिलाफ कानून की बहस तेज हो गई है।

तेलंगाना में बसपा के अध्यक्ष औऱ पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. आर.एस. प्रवीण भी अमेरिका में ही मौजूद हैं। जब यह खबर सामने आई तो उन्होंने भी इस पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे ऐतिहासिक वोट बताया, जिसे पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। आर.एस. प्रवीण ने ट्विट कर कहा कि, यह ऐतिहासिक क्षण पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। कैलिफोर्निया राज्य की विधानसभा, यूएसए ने बिल एसबी 403 को 50-3 बहुमत के साथ मंजूरी दे दी है, यह एक अभूतपूर्व कानून है जो जाति-आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाता है, जो न्यायसंगत और न्यायपूर्ण की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। सभी मनुष्य समान पैदा होते हैं। शाबाश, अमेरिका के अम्बेडकरवादियों! एकता हमारी ताकत है।

आर.एस प्रवीण जिस एकता की बात कह रहे हैं, इस पूरी मुहिम में वह साफ तौर पर दिखी है। इस लड़ाई में अमेरिका के तमाम अम्बेडकरवादी संगठनों और रविदासिया समाज के संगठनों ने अहम भूमिका निभाई है। निश्चित तौर पर इसकी गूंज दुनिया के बाकी देशों में जल्दी सुनने को मिलेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.