अलवर। अलवर में नाकाबंदी के दौरान एक एएसआई ने दलित सिख युवक से मारपीट की. पुलिस ने उसके बाल खींचे और पगड़ी भी फाड़ दी. इस घटना की सिख समुदाय के लोगों ने निंदा की और एएसआई के खिलाफ मामला दर्ज कर दण्ड देने की मांग की.
जानकारी के अनुसार रविवार रात्रि को नाकाबंदी के दौरान जब वहां से दलित सिख युवक अपनी बाइक से गुजर रहा था तो एएसआई दिनेश मीणा ने उसे रोकने का इशारा किया. इस पर युवक रुक गया तो एएसआई ने उससे सुविधा शुल्क देने की मांग की. इस पर युवक ने सुविधा शुल्क देने से इनकार कर दिया तो एएसआई ने उसके साथ मारपीट की और उसे बंद कर दिया.
युवक ने आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान एएसआई ने उसके केश खींचे और पगड़ी फाड़ कर दूर फेंक दी. जब युवक की मां अपने बेटे को छुड़ाने के लिए थाने पहुंची तो उसके साथ भी मारपीट की. इस पर परिजनों ने सिख समुदाय को इस घटना से अवगत कराया तो सभी लोग सोमवार को अरावली विहार थाने पहुंचे और थानेदार पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की. बाद में पुलिस ने युवक को जमानत पर रिहा कर दिया.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।