आंकलन तो आपको करना है

1052

भारत में सरकार तो भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी की भी बनी थी… बेशक झटके खा-खाकर. किंतु अटल जी ने चुनावी भाषणों में कांग्रेस के कार्यकाल की निन्दा तो जरूर की किंतु सरकार बनने के बाद वाजपेई जी ने खुले मन से स्वीकार किया कि स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद कांग्रेस के शासनकाल में देश हित में जो भी काम किए, उन्हें भुलाया जा ही नहीं सकता… उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए.

किंतु भाजपा के ही मोदी जी के आज के शासन में क्या हो रहा है? हिन्दू को मुसलमान से भिडाना/लड़ाना, किसानों के हक में भाषण तो करना पर करना कुछ नहीं, नौकरियां देने की एवज पकौड़े तलने के सुझाव, अतार्किक रूप से अचानक नोटबन्दी लागू करना, देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी और चौकसी को बा-ईज्जत देश से बाहर भेजना ही आज की भाजपा सरकार की उपलब्धि है. कमाल तो ये है जो शर्मनाक है, सब उसकी वकालत कर रहे हैं. मोदी जी और अमित शाह के तानाशाही रवैये के आगे भाजपा के तमाम शीर्ष नेताओं का नतमस्तक हो जाना, भाजपा के लिए तो अंतिम यात्रा जैसा ही सिद्ध होगा. बेहतर है भाजपा के ये तथाकथित शीर्ष नेता राजनीतिक मैदान से बाहर ही हो जाएं, अन्यथा इनका नाम लेवा तक भी कोई नहीं बचेगा.

आडवाणी हों, मुरली मनोहर जोशी या फिर यशवंत सिन्हा हों और शत्रुघ्न सिन्हा और उन जैसे न जाने और भी कितने ही भाजपाई हैं जो मोदी जी और शाह के रवैये से परेशान हैं.

आज की भाजपा सरकार सबकुछ बदल देना चाहती है. वो ये सिद्ध करना चाहती है कि भारत में सबसे पहले ट्रेन लाने वाली भाजपा है. कहना अतिशयोक्ति न होगा कि अब तो ये लगने लगा कि जिस व्यक्ति को अपने घर, अपने परगने, अपने जिले, अपने राज्य, अपने देश के हितों के इतर केवल अपनी और अपनी ही शानो-शौकत बनाए रखने की चिंता हो, ऐसा आदमी एक तानाशाह के अलावा कुछ और हो नहीं सकता. जो राजा शानो-शौकत के लिए दिन में चार-पाँच बार लिबास बदलता हो, वह देश का वफादार कैसे हो सकता है? यहां मोदी जी हिन्दुत्व की इस धारणा को नकारते हुए लगते है कि जो जैसे अपराध करेगा,उसे वैसा ही दंड मिलेगा. शायद मोदी जी को पुनर्जन्म वाली धारणा में कोई विश्वास नहीं है.

मोदी जी बेशक तानाशाह बनते हों किंतु वो हैं तो आर एस एस के दम पर ही ..वो केवल और केवल आर एस एस का मुखौटे भर हैं और यह भी कि आर एस एस तभी तक भारत में शासन में देखे जा सकते हैं, तबतक मोदी जैसे चाटुकार और स्वहित साधने वाले ही नहीं, आर एस एस को मूर्ख बनाने वाले मोदी जैसे लोग मिलते रहेंगे… कोई शक?

 आज न केवल केन्द्र में अपितु देश के 20-22 राज्यों में भाजपा का शासन है. …इस पर भाजपा इतरा रही है. भाजपा को याद रखना चाहिए कि भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में कोई भागीदारी नहीं रही है. सो वो ज्यादा इतराए नहीं. देश का वोटर इतना भी सुशुप्त नहीं है कि देर तक किसी को सहन कर पाए.

आज की भाजपा सरकार देश में सबकुछ बदल देना चाहती है, वह भी शिक्षा प्रणाली/विषयों के माध्यम से… सड़कों के नाम, इमारतों के नाम यानी कि इतिहास को बदलने की कवायद. पर ये सफल होने वाली कवायद नहीं है. हिम्मत है तो बदलो इंडिया गेट का नाम, तोड़ सकते हो तो तोड़ो… लाल किला, जामा मस्जिद, कुतुब मीनार, पुराना किला, तुगलक की मजार, मीर की मजार, गालिब की मजार, देश का सर्वोच्च भवन..’संसद भवन’, साथ ही राष्ट्रपति भवन जो भारतीय सम्पदा तो है किंतु देन तो मुगलों और अंग्रेजों की है….भारत कुछ अपने द्वारा बनाई गई सम्पदा के नाम तो गिनाए? भारत के नेताओं ने तो धर्मिक और जातीय दुराव फैलाने के अलावा कभी कुछ किया ही नहीं. यहाँ तक कि गांधी जी द्वारा लिखित किताब ‘स्वराज हिन्द’ न केवल समाज विरोधी है अपितु देश के विकास में एक अवरोधक भी है.

-तेजपाल सिंह ‘तेज’-

1 COMMENT

  1. तेजपाल सिंह तेज जी ने गंभीर खतरों की ओर हमें आगाह किया है। यह जरूरी हो चला है कि हम भी अब गंभीर हो जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.