बेंगलुरु के जैन युनिवर्सिटी में बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर का अपमान का मामला सामने आया है। जिसके बाद जैन युनिवर्सिटी के सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज के प्रिंसिपल दिनेश नीलकांत और 7 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल इन सभी पर कॉलेज में नाटक के दौरान बाबासाहेब आंबेडकर और दलित समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत IPC 153A,149, 295A के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विश्वविद्यालय के छात्रों की ओर से किए गए नाटक का एक वीडियो कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें युनिवर्सिटी के 6 दलित छात्रों और डॉ. आंबेडकर को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया था, जिसके बाद लोग नाराज हो गए। इस नाटक में दलितों का मजाक उड़ाया गया और डॉ. बी. आर. आंबेडकर को ‘बीयर अंबेडकर’ कहा गया।
4 फरवरी को कॉलेज के ही कुछ छात्रों द्वारा नाटक देखने के बाद इसे जातिवादी नाटक करार दिया गया और इसके खिलाफ ऑनलाइन याचिका दायर की गई। हैरानी की बात यह है कि इस नाटक को प्ले करने से पहले उसकी स्क्रिप्ट को कई लोगों ने देखा और उसे मंजूरी भी दे दी गई। अब आरोपियों से सार्वजनिक मांफी मांगने की मांग की जा रही है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों में भारत रत्न और संविधान निर्माता डॉ. बी आर आंबेडकर के खिलाफ बोलने और उनके सार्वजनिक अपमान की घटनाएं बढ़ी हैं। पहले सिर्फ गांवों से बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़ने की खबरें आती थी, लेकिन वर्तमान में पढ़े-लिखे लोगों के बीच भी डॉ. आंबेडकर का मजाक बनाए जाने और उन्हें अपमानित करने की घटनाएं तेज हो गई हैं। कई लोग डॉ. आंबेडकर के फॉलोवर को ‘भीमटा’ कह कर संबोधित करते दिखते हैं, इससे बाबासाहेब और दलित समुदाय को लेकर उनके मन में भरा जहर सामने आ जाता है। बेंगलुरू की घटना भी ऐसी ही घटना है।