नई दिल्ली। बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के 61वें परिनिर्वाण दिवस पर देश-विदेश में मौजूद अम्बेडकरवादी उन्हें श्रद्धांजली देने की तैयारियों में जुटे हैं। देश भर में फैले अम्बेडकरवादी संगठन भी परिनिर्वाण दिवस मना रहे हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने बाबासाहेब के परिनिर्वाण दिवस यानि 6 दिसंबर के दिन मंडल स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वो हर मंडल में एक स्थान पर इकट्ठा होकर बाबासाहेब का परिनिर्वाण दिन मनाएं। लखनऊ में भी परिनिर्वाण दिवस के आय़ोजन की तैयारी की जा रही है, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि बसपा अध्यक्ष मायावती इसमें मौजूद रहेंगी की नहीं।
इसी तरह कनाडा और अमेरिका सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में मौजूद अम्बेडकरवादी संगठनों ने भी बाबासाहेब को श्रद्धांजली देने के लिए विशेष कार्यक्रम आय़ोजित किया है। बाबासाहेब का परिनिर्वाण 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली के 26 अलीपुर रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर हो गया था। जिस रात को उनका निधन हुआ, उस रात ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी पुस्तक “भगवान बुद्ध औऱ उनका धम्म” को समाप्त किया था।
बाबासाहेब की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुंबई भेज दिया गया यहां दादर में 7 दिसंबर को बाबासाहेब का बौद्ध परंपरा से अंतिम संस्कार हुआ। बाबासाहेब की अंतिम संस्कार क्रिया भदन्त आनंद कौशल्यायन ने किया था। इस दौरान एक औऱ महत्वपूर्ण घटना घटी। बाबासाहेब के अंतिम संस्कार से पहले उन्हें साक्षी मान कर उनके 10 लाख अनुयायियों ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली। उन्हें बौद्ध दीक्षा भदन्त आन्नद कौशल्यायय ने दिलवाई। अम्बेडकरवादी इसी जगह को चैत्य भूमि कहते हैं। अम्बेडकरवादियों के लिए इस स्थान का विशेष महत्व है। आज भी हर 6 दिसंबर को अम्बेडकरवादी चैत्य भूमि पर जाकर बाबासाहेब को अपनी श्रद्धांजली देते हैं।