थोक महंगाई में लगातार दो माह की तेजी के बाद पहली गिरावट दर्ज की गयी है. अगस्त में यह चार महीने के उच्चतम स्तर 3.24 प्रतिशत पर रही थी. इससे पहले जुलाई में यह 1.88 प्रतिशत रही थी. पिछले साल सितंबर में थोक महंगाई दर 1.36 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. सरकार द्वारा आज यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल सितंबर की तुलना में इस साल सितंबर में खाद्य पदार्थो के दाम 2.04 प्रतिशत की मामूली दर से बढ़े हैं. इस श्रेणी में महंगाई दर कम रहने का मुख्य कारण दालों के दाम एक साल पहले की तुलना में 24.26 प्रतिशत और आलू के 46.52 प्रतिशत घटना रहा है. गेहूँ की कीमतों में 1.71 प्रतिशत और मोटे अनाजों में 0.07 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी.
सितंबर में थोक महंगाई दर कम होने में सब्जियों के दाम में आई कमी ने सहारा दिया है. महीने दर महीने आधार पर सितंबर में खाने पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 1.99 पर आ गई है. इससे पहले महीने यह 4.41 फीसदी पर थी.
सितंबर 2017 में फूड आर्टिल्स की थोक महंगाई दर गिरकर 2.04 फीसदी रह गई, जो अगस्त में 5.75 फीसदी थी. थोक महंगाई दर में फूड इन्फ्लेशन की हिस्सेदारी 15.26 फीसदी है. सितंबर में सब्जियों के दाम गिरे हैं. सब्जियों की थोक महंगाई गिरकर 15.48 फीसदी रह गई, जो अगस्त में 44.91 फीसदी पर थी. फलों की थोक महंगाई भी पिछले महीने गिरकर 2.93 फीसदी पर आ गई जो अगस्त में 7.35 फीसदी थी.
हालांकि प्याज के दामों में सितंबर में राहत नहीं दिखी. सितंबर महीने में प्याज के दाम 79.78 फीसदी के स्तर पर पहुंच गए. वहीं, अंडे, मीट और मछलियों के दाम 5.47 फीसदी के स्तर पर रहे. अंडा,मीट,मछली के दाम बढ़े सितंबर में प्रोटीन प्रोडक्ट्स अंडा, मीट और मछली की थोक महंगाई बढ़ी है. सितंबर में इसकी महंगाई दर 5.47 फीसदी रही, जो अगस्त में 3.93 फीसदी थी. मिनरल्स की महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले महीने मिनरल्स की थोक महंगाई दर -7.73 फीसदी दर्ज की गई, जून में यह आंकड़ा 24.84 फीसदी पर था. आलू, दाल और गेहूं की थोक महंगाई सितंबर में भी शून्य से नीचे बनी रही. यह क्रमश: -46.52 फीसदी, -24.26 और -1.71 फीसदी दर्ज की गई.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।