यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में बहुजन समाज के साथ हुई धोखाधड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के लिए निकली शिक्षकों की भर्तियों में बहुजन युवाओं को मिलने वाली नौकरी साजिश के तहत गैर आरक्षित वर्ग के युवाओं को दे देने की साजिश का भांडाफोड़ होने के बाद बहुजन बुद्धिजीवियों से लेकर बहुजन समाज के नेताओं ने योगी सरकार को जमकर घेरा है।
दरअसल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ने इस मामले में एक अंतरिम रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स की जगह गैर आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स की नियुक्ति हुई है। यानी बहुनजों की नौकरी सवर्णों को दे दी गई है। 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती घोटाले में पिछड़े वर्ग द्वारा जारी अतंरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि OBC को 18,598 सीटें मिली थीं, लेकिन उनके हिस्से की 5844 सीटें गैर आरक्षित वर्ग को दे दी गई है।
मामला तूल पकड़ने के बाद बहुजन बुद्धीजिवियों से लेकर बहुजन समाज के राजनेताओं ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहां वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने इस मुद्दे को ट्विटर पर जोर शोर से उछाला है तो वहीं भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से लेकर अनुप्रिया पटेल औऱ समाजवादी पार्टी तक ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। ट्विटर पर रिजर्वेशन स्कैम यूपी 69k ट्रेंड करने लगा और साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने इस आरक्षण घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई। साफ है कि बहुजन समाज अपने अधिकारों की हकमारी करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी और भाजपा सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं है।

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