विश्वविद्यालयों में रोस्टर का मुद्दा सड़क से आगे अब संसद तक पहुंच गया है. बजट सत्र के दौरान आज बहुजन समाज के राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को राज्यसभा में जोर-शोर से उठाया. इस दौरान उपसभापति ने सांसदों को समझाने की कोशिश की लेकिन सांसद लगातार 13 प्वाइंट रोस्टर को रद्द कर 200 प्वाइंट रोस्टर पर बिल लाने की मांग करते रहे, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
सुबह सत्र शुरू होते ही भाजपा के सांसद ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की. इस बीच सदन में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने रोस्टर का मुद्दा उठाते हुए जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. सपा के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि यह देश के 85 फीसदी लोगों के हितों का सवाल है. इससे पहले बीते कल 5 फरवरी को बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ ने राज्यसभा के सभापति को आवेदन देकर 6 फरवरी को राज्य सभा कार्य संचालन के नियम 267 के तहत सभी विधायी और गैर विधायी कार्यों को रोककर विश्वविद्यालयों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्तियों के लिए पदों के वितरण प्रणाली यानी विभागवार रोस्टर को लेकर चर्चा कराए जाने की मांग की थी.
हालांकि उप सभापति की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराए जाने पर सपा, बसपा और राजद के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. पहले उन्होंने संदन के बीच आकर मुद्दे पर चर्चा कराने और 13 प्वाइंट रोस्टर निरस्त कर 200 प्वाइंट रोस्टर पर बिल लाने की मांग की. फिर संसद स्थगित होने पर सांसद गांधी प्रतिमा के सामने आकर प्रदर्शन करने लगे. इससे साफ है कि सड़क पर बहुजन समाज के लोगों द्वारा रोस्टर को लेकर शुरू की गई लड़ाई अब संसद में बड़ा मुद्दा बनने वाली है, जिसको टाल पाना सत्ताधारी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा.
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