नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित श्रम प्रवर्तन अधिकारी (लेबरइन्फ़ोर्सेमेंटऑफिसर) परीक्षा में मृदुल पाल पुत्र दिवंगत श्री शिवचरण पाल ने शानदार सफलता प्राप्त करके पूरे बहुजन समाज का नाम रोशन किया है.
वाराणसी जनपद के कर्माजीतपुर (आदित्यनगर) के निवासी मृदुल पाल के पिता दुग्ध व्यवसाय से जुड़े हुये थे. उन्होंने कठिन आर्थिक परिस्थितियों एवं सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुये अपने बच्चों का पालन पोषण किया.
मृदुल पाल बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, इनकी प्रारम्भिक शिक्षा डैलिम्ससनबीम स्कूल रोहनिया वाराणसी से हुआ यहाँ से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा अर्जित करने के बाद इन्होंने UIET(CSJM विश्वविद्यालय कानपुर) से इन्फॉर्मेशनटेक्नोंलॉजी में बीटेक की डिग्री हासिल किया. इसके पश्चात इनका चयन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशलसाइन्सेज मुंबई (TISS) व इंटरनेशनल लेबरऑर्गेनाएजेशनजेनेवा के संयुक्त स्कॉलरशिप के लिए हुआ. इसके तहत ही इन्होंने चयन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशलसाइन्सेज मुंबई (TISS) से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त किया.
मृदुल का चयन छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत पंचायती राजमंत्रालय में डिस्ट्रिक्ट सोशलऑडिटफैसिलेटर के पद पर हुआ, परंतु पाँच माह सेवा देने के पश्चात त्यागपत्र देकर यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी करने लगे. इस दौरान इन्होंने चार बार यूजीसीद्वारा आयोजित नेट एवं दो बार जेआरएफ़ की परीक्षा उतीर्ण की.
मृदुल पाल ने अपनी सफलता का श्रेय महात्मा फुले,बाबासाहेब अंबेडकर को दिया है, और इन्होंने अपने पिता दिवगंत श्री शिवचरण पाल व माता श्रीमती सुदामा देवी को यह सफलता समर्पित की. मृदुल पाल ने बताया कि इनके पिता जी ने इन्हें ईमानदारी सच्चाई व कठिन परिश्रम के लिए सदैव प्रेरित किया जिसे मृदुल ने अपनी सफलता का मूलमंत्र बताया. मृदुल ने अपनी सफलता में अपने भाई-बहन, गुरुजनों व मित्रों का सहयोग बताया है.
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