नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के कुलपति को एक नोटिस भेजा है. यह नोटिस कुलपति की लापरवाही और आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल न होने पर भेजा गया है.
दरअसल, बीबीएयू प्रशासन द्वारा आरक्षण को ताक पर रख कर रोस्टर में गड़बड़ी और 100 से ज्यादा अध्यापकों की गलत तरीके से भर्ती की गई थी. जिसकी कार्रवाई राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में 6 जुलाई 2017 को हुई. इस बैठक में जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया. कमेटी के सदस्यों में आयोग चेयरमैन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकारी शामिल हैं.
अगली बैठक 27 जुलाई को आयोग के चेयरमैन राम शंकर कठेरिया के चैम्बर में रखी गई. जिसमें बीबीएयू प्रशासन को नियम और कानून के हिसाब से काम करने की हिदायत दी और रोस्टर-भर्ती प्रकिया के दस्तावेज दिखाने के आदेश दिए. लेकिन बीबीएयू प्रशासन जांच में आयोग को सहयोग नहीं दे रहा है.
12 अक्टूबर 2017 को बीबीएयू के कुलपति के साथ बैठक होनी थी, लेकिन कुलपति बैठक में शामिल नहीं हुए. इसके बाद बैठक में कमेटी ने फैसला लिया गया कि बीबीएयू के कुलपति ने आरक्षण की नीतियों को ताक पर रखकर 100 से अधिक टीचिंग पर भर्ती की गई. आयोग ने कहा है कि बीबीएयू में बिना मानव संसाधन मंत्रालय और यूजीसी की सलाह या सहमति के कोई भर्ती प्रकिया नहीं करेगा. लेकिन बीबीएयू के कुलपति ने आयोग के निर्देशों की अवेहलना कर रहे हैं और नोटिस मिलने के बावजूद भी सांख्यकीय विभाग में साक्षत्कार ले रहे हैं

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