बेंगलुरु। बेंगलुरु में सोमवार सुबह हुए एक सिलेंडर ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद राहत और बचाव का काम जारी है. बचाव दल ने मकान के मलबे से एक बच्ची सुरक्षित बाहर निकाला है लेकिन बच्ची के मां-बाप की हादसे में मौत हो गई है.
बेंगलुरु के विकास मंत्री के जी जॉर्ज ने कहा है कि इस हादसे में मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये दिए जाएंगे. मंत्री ने घोषणा की है कि सरकार उस बच्ची को गोद लेगी जिसने इस हादसे में अपने परिजनों को खो दिया है. उन्होंने कहा है कि बच्ची के परवरिश का खर्च अब सरकार उठाएगी.
इससे पहले गृहमंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा है कि इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से पांच लोग इसी बिल्डिंग में रहते थे और एक पड़ोसी था. रेड्डी ने कहा कि बिल्डिंग के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर रखे सिलेंडरों में गैस नहीं थी, इसलिए यह संभावना नहीं है कि विस्फोट के कारण इमारत ढही.
6 people dead, out of which 5 people were residents of the building & 1 was a neighbour: K’taka Home Minister on Bengaluru building collapse pic.twitter.com/IwfH4qD5mc
— ANI (@ANI) October 16, 2017
दमकल विभाग एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने मलबे से लोगों के शव बरामद किए. मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल थीं. दो मृतकों की पहचान कलावती (68) और रविचंद्रन (30) के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि मलबे से दो बच्चों को जीवित निकाला गया, जिनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
ये हादसा बेंगलुरु के इजीपुरा इलाके में हुआ है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सिलेंडर विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई घर भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं इस हादसे के बाद से राहत बचाव का काम जारी है और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
मौके पर पुलिसकर्मियों का कहना है कि मकान के मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया जा रहा है और घायलों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
![dalit dastak](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।