नई दिल्ली/पटना/लखनऊ। 13 प्वाइंट रोस्टर और आदिवासी समाज को उनकी जमीन से बेदखल करने के खिलाफ देश के दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज ने आज 5 मार्च को देश भर में व्यापक तौर पर भारत बंद का आयोजन किया है. अपने हक के लिए देश के तमाम हिस्सों में वंचित समाज का जागरुक तबका सड़कों पर है.
बिहार भी सुलग रहा है. राज्य के पटना, नवादा, भागलपुर,बांका, मधुबनी और खगड़िया आदि जिलों में बंद और रेल रोकने की खबर है. तो झारखंड में भी बराबर आग लगी है. राज्य के धनबाद और रांची सहित तमाम जिलों से व्यापक बंद की खबरे हैं.

तो सत्ता के केंद्र दिल्ली में जंतर मंतर पर भी बहुजन आंदोलनकारी भारी संख्या में जुटे हैं. इसमें 13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध सहित आदिवासी समाज के लोग भी बहुत संख्या में हैं, जो सरकार द्वारा जमीन से बेदखली का विरोध कर रहे हैं.

ऐसे ही उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक गुस्से में हैं. इसके अलावा राजस्थान के जयपुर में भी बंद का खासा असर है.

आंदोलन की यह चिंगारी दक्षिण के राज्यों में भी पहुंच गई है. दक्षिण के कटक और ओडिसा सहित तमाम जगहों पर दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज के लोगों ने सड़क पर उतर कर सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ विरोध दर्ज करवा रहे हैं.
कुल मिलाकर वंचित समाज के गुस्से का आलम यह है कि आंदोलन की यह आग सत्ताधारी दल को जलाने के लिए तैयार है. उन्होंने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं कर दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।