भारत में किसानों का आंदोलन चरम पर है। कृषि बिल को लेकर 8 दिसंबर को किसानों ने बंद बुलाया था। 25 राज्यों में सफल भारत बंद की खबर है। इस बीच शाम को जब सरकार की ओर से बातचीत का न्यौता आया तो सभी चौंक गए। किसानों से बातचीत के लिए कृषि मंत्री नहीं, बल्कि बातचीत का न्यौता गृहमंत्री अमित शाह की ओर से आया।
दरअसल सरकार को लग रहा था कि किसान आंदोलन दम तोड़ देगा, लेकिन जिस तरह किसानों ने सड़क पर उतर पर सरकार के खिलाफ खम ठोक दिया, उससे सरकार सकते में आ गई। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी किसान डिगने को तैयार नहीं थे। स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव भी किसानों के बंद के समर्थन में उतरे थे। उन्होंने दावा किया कि देश के 25 राज्यों में 10 हज़ार जगहों पर बंद हुआ है।
पंजाब, हरियाणा और तेलंगाना में पूर्ण बंद होने की खबर है तो कर्नाटक में 100 तालुका में पूर्ण बंद की सूचना है। जबकि भारत के तमाम अन्य हिस्सों में भी बंद का असर दिखा। महाराष्ट्र के बुलढाणा में रेल रोकी गई। खास बात यह रही कि जो सड़क पर नहीं उतरे थे, वो भी किसानों का समर्थन कर रहे थे। यानी कुल मिलाकर देश के आम जनता की भावना किसानों के साथ है।
जहां तक किसानों की बात है तो वो अपनी मांगों पर अडिग हैं। उनकी मांग है कि सरकार तीनों कानून वापस ले और MSP की गारंटी दे। बंद की खास बात यह भी रही कि कनाडा के शहर ब्रैम्पटन में पंजाबी समुदाय के लोगों की ओर से दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली गई।
माना जा रहा है कि देश के तमाम हिस्सों की इन खबरों पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से गृहमंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए थे। इसलिए किसानों को बैठक के लिए कृषि नहीं गृह मंत्री का फोन आया। इससे एक बार फिर यह साबित हो गया कि मोदी सरकार में तमाम मंत्रियों की अहमियत कितनी है। प्रधानमंत्री मोदी चाहे जिसे जो जिम्मेदारी दें, उन्हें भरोसा सिर्फ अमित शाह पर ही है।
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अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।