
नयी दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मान्यवर कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर दिल्ली के जंतर मंतर पर बहुजन हुंकार रैली का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि वो संत शिरोमणि रविदास की नगरी काशी यानि बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे. उन्होंने इशारों में बसपा-सपा गठबंधन से समर्थन देने की भी अपील की. चंद्रशेखर ने कहा कि यूपी की 79 सीटों पर भीम आर्मी गठबंधन को समर्थन दे रही है, ऐसे में उसे एक सीट पर उन्हें समर्थन देना चाहिए. हालांकि अपने पूरे भाषण के दौरान चंद्रशेखर ने एक बार भी बहुजन समाज पार्टी और उसकी अध्यक्ष मायावती का नाम नहीं लिया.
इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोला और कहा कि मोदी को दिल्ली की गद्दी नहीं छूने देंगे. खुद को कई लोगों द्वारा एजेंट कहने से भड़के चंद्रशेखर ने कहा कि सब जानते हैं कि कौन किसका एजेंट है. उन्होंने कहा कि मैं बाबासाहेब और मान्यवर कांशीराम जी के सपने को पूरा करना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य दिल्ली में लाल किले पर नीला झंडा फहराना है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से ऐलान किया कि वो बनारस में पहुंच कर उनकी मदद करें. उन्होंने बहुजन समाज से अपील किया कि वो देश भर में भाजपा को हराने वाला उम्मीदवार को वोट दें.
इस दौरान भीम आर्मी प्रमुख ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दस प्रतिशत आरक्षण का विरोध किसी ने नहीं किया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में रिजर्वेशन इन प्रोमोशन का बिल फरवाया. उनकी सरकार ने 58 हजार दलित कर्मचारियों का डिमोशन किया. उन्हें इस मामले में अपना रुख साफ करना चाहिए.
कार्यक्रम में मान्यवर कांशीराम जी की बड़ी बहन को भी आमंत्रित किया गया था. चंद्रशेखर ने कहा कि मान्यवर के परिवार ने बहुत कुर्बानी दी है, उनकी बड़ी बहन को संसद में भेज कर उसका कर्ज उतारना चाहिए. हालांकि अपने पूरे भाषण के दौरान चंद्रशेखर ने प्रियंका गांधी से मुलाकात का कोई जिक्र नहीं किया.
रैली में मंच पर भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दद्दू प्रसाद, बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता शरद यादव भी मौजूद थे. रैली में देश के तमाम हिस्सों से शामिल होने के लिए युवा पहुंचे थे. खास बात यह देखने को मिली की रैली में 18 से 25 साल के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी. अगर भीड़ के लिहाज से देखें तो इस रैली में 5 से 7 हजार लोगों ने हिस्सा लिया.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।