कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा? राहुल गांधी पद पर बने रहेंगे या नया कोई बनेगा? भगवान जाने. दो सवालों पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का यही जवाब है. यह जवाब केवल सिब्बल का नहीं है, बल्कि कांग्रेस का हर बड़ा नेता इससे अनजान है. कांग्रेस शासित पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने, उन्हें सुनने, अपनी चिंता जताने के बाद भी राहुल गांधी पद से हटने के अपने फैसले पर कायम हैं.
उन्होंने बड़े सुधार का संकेत दिया है और शुरुआत अपने सचिवालय से की है. राहुल गांधी के सचिवालय में महत्वपूर्ण किरदार वाले कई लोग हैं. के. राजू भी उनमें से एक हैं और राहुल ने उनसे थोड़ी दूरी बनाई है. सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी के कार्यालय को अब के. राजू की रिपोर्टिंग नहीं है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से आने वाले संदीप सिंह अपनी जगह बनाए रखने में सफल हैं.
वह प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भाषण तैयार करने के साथ-साथ उन्हें सलाह अभी दे रहे हैं. प्रियंका गांधी के सचिवालय के धीरज श्रीवास्तव का दबदबा बना हुआ है. राहुल गांधी, पीएल पूनिया के मशविरों को काफी मानते थे. लेकिन अब खबर है कि इसमें थोड़ी सी कमी आई है.
बुधवार को राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी में जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए, वह अब इस पद पर नहीं हैं. राहुल गांधी ने साफ कहा कि पार्टी का नया अध्यक्ष एक महीने पहले ही चुना जाना चाहिए था. राहुल ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए ताकि इस पर फैसला हो सके.
अगला लोकसभा चुनाव 2024 में होना है. 2022 तक करीब 18 राज्यों के चुनाव होने हैं. इसलिए राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी युवा हो. 2014-19 तक लोकसभा में उनके आसपास की युवा हल्ला ब्रिगेड अपना चुनाव हार चुकी है. राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में हार की खीझ है और वह चाहते हैं कि पार्टी में सुधार के कदम उठाए जाएं.
कांग्रेस सेवादल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और अन्य विभागों में भी करीब 60-70 प्रतिशत युवा चेहरे आएं. यहां तक कि प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर तक की कमान युवा हाथों में हो. राहुल के अनुसार युवा का अर्थ 45 साल से कम आयु के नेताओं से है.
प्रियंका गांधी वाड्रा के एक करीबी से मिली जानकारी के अनुसार युवा नेता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधि के तौर पर काम करते हैं. इस कारण पार्टी कुछ नया नहीं कर पा रही है. बताते हैं कुछ इसी तरह की सोच कांग्रेस अध्यक्ष की भी बन रही है. वीरप्पा मोइली का मानना है कि राहुल के अध्यक्ष पद पर बने रहने की संभावना एक प्रतिशत भी नहीं है.
क्या अगला कांग्रेस अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, शुशील कुमार शिंदे, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी में कोई बनेगा? चर्चा मे यही नाम हैं. कहा जा रहा है कि एंटनी का नाम यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सुझाया है, लेकिन राहुल गांधी ने कोई प्रतिक्रिया या अपनी सहमति नहीं दी है. क्या होगा यह किसी को पता नहीं है.
यह सभी नाम कांग्रेस अध्यक्ष, यूपीए चेयरपर्सन और उनसे गहरी समझ रखने वाले नेताओं के नाम हैं. लेकिन माना जा रहा है कि राहुल गांधी किसी युवा चेहरे के पक्ष में खड़े हो सकते हैं. वह किसी युवा व्यक्ति को पार्टी की कमान सौपने, संगठन में उसी आधार पर सुधार को बल देने पर सहमति जता सकते हैं. सब कुछ इसी जुलाई महीने में तय हो जाने के आसार हैं.
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