नई दिल्ली। बीजेपी व जदयू का गठबंधन टूटने के कगार पर दिख रहा है. महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जाहिर करने के बाद नीतीश कुमार को मनाने के लिए बीजेपी कदम उठाने जा रही है. खबर मिल रही है कि नाराज नीतीश को राजी कराने के लिए अमित शाह बिहार जाएंगे. इस दौरान फंसाद के मुद्दे पर दोनों के बीच चर्चा की जाएगी.
सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 2015 विधानसभा चुनावों में भाजपा से ज्यादा सीट जीतने वाली जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सीट बंटवारे में इस परिणाम को आधार बनाने की मांग पर अड़ी हुई है. हालांकि भाजपा सूत्रों ने इस फॉर्मूले को यह कहकर नकार दिया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व राजद से गठबंधन करने के कारण जदयू को ज्यादा सीट मिली थी. भाजपा और जदयू के बीच इन्हीं बिगड़ते हालात को थामने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 11 जुलाई को पटना जाएंगे. वहां जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन यह मुलाकात कब होगी इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है.
मंगलवार को जदयू के नेता संजय सिंह ने कहा था कि भाजपा के वह नेता जो हमेशा हेडलाइंस में बने रहना चाहते हैं उन्हें नियंत्रण में रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव में बहुत बड़ा अंतर है. भाजपा को बहुत अच्छे से पता है कि बिहार में नीतीश कुमार के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं होगा. अगर भाजपा को सहयोगी पार्टी की जरूरत नहीं है तो वह बिहार में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है.
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