बोधगया महाविहार को ब्राह्मणों से मुक्त कराने को लेकर चल रहे आंदोलन को बिहार सरकार कुचलने का काम कर रही है। बीते 15 दिनों से धरने पर बैठे बौद्ध भिक्खुओं को जबरन 27 फरवरी को देर रात करीब एक बजे धरना स्थल से उठा दिया गया। उन्हें स्वास्थ्य का हवाला देकर जबरन हटाया गया। इस दौरान बौद्ध भिक्खुओं ने उन्हें हटाए जाने का विरोध किया, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी।
बता दें कि बिहार का बोधगया, जहां तथागत बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उसकी मुक्ति के लिए आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन इस महाविहार को ब्राह्मण पंडों से मुक्त कराने के लिए है। आंदोलन करने वाले बौद्ध समाज BT ACT 1949 को रद्द कर महाविहार का पूरा प्रबंधन बौद्ध समाज को सौंपने की मांग कर रहा है। इस मांग को लेकर बीते दो हफ्ते से देश के तमाम हिस्सों से बोध गया पहुंच कर बौद्ध भिक्खु आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन को देश और दुनिया भर के बौद्ध समाज का समर्थन मिल रहा है। इससे बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार में हलचल मची है। साथ ही केंद्र की मोदी सरकार में भी इस मुद्दे को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है।
बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह आंदोलन और तेज होता जा रहा है। ऐसे में धरना करने वाले बौद्ध भिक्खुओं को रातों रात इलाज के नाम पर हटा दिया गया है। हालांकि इसके बाद आंदोलन और भड़क गया है। और देश भर के बौद्ध और अंबेडकरी समाज ने बिहार की भाजपा और नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मिशन जय भीम के संयोजक और बौद्ध धर्म के लिए लगातार काम करने वाले राजेन्द्र पाल गौतम ने इस घटना का वीडियो पोस्ट करते हुए बिहार सरकार को चेतावनी दी है।
बिहार की सरकार अगर यह सोंचती है कि इस प्रकार आधी रात को अनशन पर बैठे भिक्खुओं को इलाज के बहाने उठा ले जाने से महाबोधि महाविहार को ब्राह्मणों से पूर्णतया मुक्त कराकर बौद्धों को संचालन सौंपने के आन्दोलन को वह बलपूर्वक दफ़न कर देगी तो यह आपकी गलत फ़हमी है इससे यह आन्दोलन ओर तेज होगा… pic.twitter.com/IcxwaMKSXW
— (समण) Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) February 28, 2025
उन्होंने कहा कि, बिहार की सरकार अगर यह सोचती है कि इस प्रकार आधी रात को अनशन पर बैठे भिक्खुओं को इलाज के बहाने उठा ले जाने से महाबोधि महाविहार को ब्राह्मणों से पूर्णतया मुक्त कराकर बौद्धों को संचालन सौंपने के आन्दोलन को वह बलपूर्वक दफ़न कर देगी तो यह आपकी गलत फ़हमी है इससे यह आन्दोलन ओर तेज होगा! आप हमारी आस्था की कद्र कीजिए वर्ना आपकी आस्था भी खतरे में पड़ जाएगी।
रातों रात धरना करने वाले बौद्ध भिक्खुओं को हटाने से साफ है कि बिहार सरकार इस मामले में बौद्धों के खिलाफ खड़ी है। अब देखना होगा कि देश भर का बौद्ध और अंबेडकरी समाज इस आंदोलन को लेकर क्या रुख अपनाता है।
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मानवाधिकार और एंटी कॉस्ट आंदोलन से जुड़े गुड्डू कश्यप साल 2023 से दलित दस्तक के साथ सक्रिय हैं। खासकर बिहार की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखते हैं।