समस्तीपुर। जातिगत वैमनस्य और दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार का अत्यंत गंभीर और रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड के गनई बहसी पंचायत के मोड़ा खुर्द गांव में हुआ है. जहां पर समाज के सामंतवादियों ने पासवान दलित समाज के लोगों पर लाठी बंदूक और पत्थर से जानलेवा हमला किया है. हमले में दर्जन हर लोग घायल है जिनका राजस्थानी अस्पताल में चल रहा है.
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले गांव में अवस्थित दलित समाज के धर्म स्थान सलहेश मंदिर में दबंगों के द्वारा तोड़फोड़ किया गया और दलितों के टोला को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क निर्माण का दबंगों ने विरोध किया गया जिसके कारण दबंगों और पासवान जाति के दलित समाज के लोगों के बीच तनाव व्याप्त हो गया.
कंबल ओढा करके ईटा पत्थर…
इसी दौरान एक दलित मजदूर कमलेश पासवान पिता स्वर्गीय जगमोहन पासवान दूसरे गांव से मजदूरी करके वापस अपने घर वापस आ रहे थे जिसको दबंग लोग पकड़ कर के बांधकर कंबल ओढा करके ईटा पत्थर और 5 किलो का जो बंटखारा से उसे मारा और बुरी तरह घायल कर दिया. जिसके बाद उसका उपचार स्थानीय ताजपुर सरकारी अस्पताल में किया गया जहां पता चला कि उसका रीड का हड्डी टूटा हुआ है उसके बाद उसको जंदाहा के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जहा वह इलाजरत है.
इस पूरे मामले से आहत और भयभीत दलित समाज के लोग अपनी सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन के पास गए और थाना में FIR दर्ज कराया आरोप स्थानीय वैशाली जिला के मोहरा बुजुर्ग गांव के माओवादी पृष्ठभूमि दबंगों पर लगा . इसी मामले में आगे चलकर मामला न्यायालय में गया और न्यायालय ने उक्त धर्म स्थान तथा सड़क निर्माण के जमीन और उसमें रखे गए सामान पर धारा 144 लगा दिया जिसके बाद सामान और उक्त जमीन का उपयोग कोई भी नहीं कर सकता था.
दिनांक 09/06/2018 को थाना प्रभारी के संवेदनहीनता के कारण सामंतवाद दबंग लोग विवादित निर्माण स्थल जहां पर धारा 144 लागू है वहां पर रखे गए बालू सीमेंट इत्यादि को उठाने लगे जिसका विरोध दलित समाज के लोगों ने किया.
लाठी बंदूक गोली की आवाज
उस वक्त स्थानीय पुलिस भी वहां पर उपस्थित थी लेकिन इसके बाबजूद पुलिस के सामने में फिर से दलितों पर हमला किया गया हमलावरों के ज्यादा संख्या में हथियारबंद होने के कारण पीड़ित दलित समाज के लोग अपने घर की ओर वापस चले आए और अपने-अपने घर में बैठ गए.
इसी दिन जब रात के लगभग 12:00 बज रहा था अब विरोधी सामंतवादी दबंग लोग लाठी डंडे पत्थर और बंदूक के साथ फिर से दलितों पर हमला के लिए दलित बस्ती ने पहुंच गए और जानलेवा हमला कर दिया. लाठी बंदूक गोली की आवाज और जान माल जाने के भय के कारण दलित समाज के लोग अपने घरों में ही बंद रहे और कैसे कैसे करके अपनी जान बचाई तत समय कोई भी उनकी सहायता के लिए प्रशासन की तरफ से नहीं आया.
स्थानीय अखबार प्रभात खबर में प्रकाशित इस दलित उत्पीड़न की जघन्य घटना की खबर को पढ़कर आज जब हमने पीड़ित पक्ष के लोगों से फोन पर बात किया तो उन लोगों ने यह सारी जानकारी हमें फोन पर बताई. जिसके बाद हमने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य श्री योगेंद्र पासवान जी से संपर्क किया और इस घटना के बारे में उनसे जानना चाहा उन्होंने कहा इसकी लिखित कोई भी सूचना हमारे पास नहीं है यदि कोई सूचना या शिकायत आएगी तो हम अवश्य ही विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे.
पीड़ित पक्ष के लोगों ने यह भी कहा कि हम लोग प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं लेकिन प्रशासन राजनीतिक दबाव के कारण अभी तक आरोपी लोगों को गिरफ्तारी नहीं कर रहे हैं और नीचे से ऊपर तक अधिकारियों सामंतवाद दबंग जाति के नेताओं के द्वारा प्रेशर डाला जा रहा है कि कोई कार्यवाही ना करें. इन सबके बीच पीड़ित परिवार डरा-सहमा और भयभीत है पीड़ितों ने फोन पर बताया कि उनका गांव में रहना मुश्किल हो गया है कभी भी हम लोगों का सामूहिक हत्या हो सकती है और मां बहन का इज्जत लूटा जा सकता है .
यदि प्रशासन हम लोगों को सहायता नहीं करता है तो हम लोगों के पास गांव छोड़ने के अलावे कोई भी उपाय नहीं होगा क्योंकि दबंग लोग हमला करने के बाद भी उन पर केस होने के बाद भी खुलेआम घूम रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि तुम हमारा क्या बिगाड़ लोगे. आपको बता दें कि घटना में पिरित और आरोपित दोनों तरफ से एफआईआर की गई है दलित समाज के लोगों ने बताया है कि हम लोग के द्वारा किए गए मुकदमा के बाद दबंगों ने लूटपाट का मुकदमा हम लोगों को डराने धमकाने के लिए कराया है.
दबंगो के द्वारा किए गए जानलेवा हमला में दर्जनभर दलित समाज के लोग घायल हैं. घायलों में मुख्यत प्रेम चंद्र पासवान, दशरथ पासवान, उपेंद्र पासवान, प्रशांत पासवान, रामबालक पासवान, योगेश्वर पासवान तथा एक महिला बबीता देवी व पति योगेश्वर पासवान का नाम बताया जा रहा है.
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