अहमदाबाद। उत्तर भारतीयों पर गुजरात में हो रहा हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गुजरात सरकार भले ही मामले को संभाल लेने का दावा कर रही हो, प्रदेश भर में हिंसा जारी है. मंगलवार को सूरत और वडोदरा में हिंसा के मामले सामने आए. वडोदरा में तो बिहार के लोगों से भरी ट्रेन पर हमला कर दिया गया. ट्रेन की 6 बोगियों में जमकर तोड़फोड़ की गई.
मंगलवार को ही सूरत, अहमदाबाद समेत कई औद्योगिक क्षेत्रों से लोग छोड़कर लोग रवाना हो चुके हैं. लोगों की मजबूरी का फायदा फैक्ट्रियों के मालिक भी जमकर उठा रहे हैं. तमाम स्थानीय कंपनियों और फैक्ट्रियों में लोगों ने तनख्वाह नहीं देने की शिकायत की है. हमला बढ़ता देख वो जल्दी-जल्दी में बिना अपनी तनख्वाह लिए ही घर वापस जा रहे हैं. अभी तक इन घटनाओं को लेकर पूरे राज्य में कुल 68 FIR दर्ज हो चुकी हैं, जबकि 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दूसरी ओर इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रही हैं. तो वहीं बीजेपी ने अल्पेश ठाकोर के बहाने इन घटनाओं का जिम्मेदार कांग्रेस को ही बताया है. गौरतलब है कि गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को एक बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था और इस आरोप में बिहार निवासी मजदूर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही गुजरात में हिन्दी भाषी लोगों पर हिंसा बढ़ गई.