नई दिल्ली। आरएसएस और भाजपा के कुछ बड़े नेता दिवंगत संत मदर टेरेसा से भारत रत्न का सम्मान वापस लेना चाहते हैं. इन नेताओं का कहना है कि रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के केंद्रों से बच्चे बेचने की बात सही साबित होती है तो दिवंगत मदर टेरेसा को दिया भारत रत्न सम्मान वापस लेना चाहिए. मदर टेरेसा से यह सम्मान लेने की वकालत आरएसएस के दिल्ली प्रचार प्रमुख राजीव तुली ने की है तो वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तुली की इस मांग का समर्थन किया है.
तुली के मुताबिक मदर टेरेसा ने कभी भी ‘लोक कल्याण के लिए काम नहीं किया. जबकि सुब्रह्मणयम स्वामी का कहना है कि ब्रिटिश लेखक क्रिस्टोफर की किताब ‘द मिशनरी पोजीशन: मदर टेरेसा इन थ्योरी ऐंड प्रैक्टिस’ में पूरा दस्तावेज दिया गया है कि किस प्रकार मदर टेरेसा ने जालसाजी की.

दरअसल ये पूरा मामला इस साल मई में सामने आया, जब मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े होम से एक नवजात शिशु को एक दंपति ने 1.20 लाख रुपए में लिया था. इस दंपति से नवजात के जन्म और चिकित्सा देखभाल के नाम पर ये रकम ली गई थी. दंपति का आरोप है कि चैरिटी संस्थान ने ये आश्वासन देकर बच्चा वापस ले लिया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा लौटा दिया जाएगा. जब बच्चा वापस नहीं मिला तो दंपति ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से कर दी.
गौरतलब है कि मदर टेरेसा को 1980 में भारत रत्न दिया गया था. मदर टेरेसा को पिछले साल ही वेटिकन से संत की उपाधि मिली है.
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